
अमृतसर के निरंकारी भवन में हुए धमाके मामले में पंजाब पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने मामले में दूसरे आरोपी अवतार सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने आरोपी के पास से वो हथियार भी बरामद कर लिए हैं जिसका इस्तेमाल धमाके में हुआ था.
वहीं मामले में जावेद नाम के एक शख्स का भी नाम सामने आ रहा है. वह अवतार सिंह के संपर्क में आया था. दुबई से पहली बार उसने अवतार को फोन किया था. वहीं मामले में इटली के भी एक शख्स का नाम सामने आ रहा है.
पकड़ में आया दूसरा आरोपी (फोटो- सतेंदर चौहान)
अवतार सिंह ने ही निरंकारी भवन में सत्संग कर रहे अनुयायियों पर ग्रेनेड फेंका था, जबकि मामले में गिरफ्तार किया गया पहला आरोपी विक्रमजीत सिंह भवन के बाहर मोटरसाइकिल पर इंतजार कर रहा था और उसने गेट पर खड़े दो लोगों को बंदूक की नोक पर ले रखा था ताकि वे शोर ना मचा सकें.
बता दें कि मामले में गिरफ्तार किया गया पहला आरोपी विक्रमजीत सिंह पंजाब का स्थानीय निवासी है. उसने पाकिस्तान में बैठे आतंकियों की मदद से इस हमले को अंजाम दिया था. इस हमले में तीन लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 20 लोग घायल हो गए थे.
यह ग्रेनेड हमला अमृतसर से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित आदिलवाल गांव में निरंकारी पंथ के सत्संग भवन में हुआ था. हमला उस वक्त हुआ था जब लोग प्रार्थना के लिए एकत्र हुए थे. वहां करीब 200 लोग मौजूद थे. देश-विदेश में निरंकारी अनुयायियों की संख्या लाखों में है. इसका मुख्यालय दिल्ली में है.
इसे हमले के लिए पैसा और ग्रेनेड पाकिस्तान में बैठे खालिस्तानी आतंकी हरमीत सिंह उर्फ पीएचडी ने मुहैया करवाया था. पटियाला से कुछ दिन पहले पकड़े गए खालिस्तान गदर फोर्स के आतंकी शबनम दीप सिंह ने इसके लिए स्लीपर सेल के माध्यम से इन दो लड़कों को बरगला कर अपने साथ जोड़ा था.
शबनम दीप सिंह ने गरीब लड़कों को खालिस्तान के नाम पर बरगला कर उनको चंद हजार रुपए देकर हैंड ग्रेनेड फेंकने के लिए तैयार किया था. उन्हें ट्रेनिंग भी दी गई थी.