
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में तीन तलाक के मामले में कार्रवाई को लेकर पुलिस पसोपेश में है. पुलिस की मुश्किल ये है कि वो इस मामले में आरोपी के खिलाफ क्या कदम उठाए? ये मामला अलीगढ़ की रहने वाली यास्मीन से जुड़ा है जिन्हें उनके पति खालिद बिन यूसुफ ने व्हाट्सएप और फिर एसएमएस (टेक्स्ट मैसेज) के जरिए तीन तलाक दे दिया. खालिद बिन यूसुफ अलीगढ़ विश्वविद्यालय में संस्कृत विभाग में प्रोफेसर हैं.
हालांकि पुलिस ने यास्मीन की बेटी की शिकायत पर खालिद बिन यूसुफ के खिलाफ अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है. शिकायत में ये भी कहा गया कि खालिद ने धमकी दी थी और घर में ताला बंद कर दिया था. अलीगढ़ पुलिस ने प्रताड़ना के मामले में FIR बेशक दर्ज कर ली है लेकिन तीन तलाक को लेकर खालिद के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर पा रही है.
अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) राजेश पांडे का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से देश में तीन तलाक को अवैध करार दिए जाने के बाद खालिद की ओर से दिया गया तलाक अवैध है. लेकिन नियम और कानून की गैर मौजूदगी में पुलिस तीन तलाक को लेकर खालिद के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं कर सकती.
तीन तलाक को लेक IPC में कोई कानून मौजूद नहीं है. एसएसपी पांडे का कहना है कि खालिद और यास्मीन को आमने सामने बिठा कर सुलह की कोशिश की जाएगी जिससे कि ये परिवार टूटने से बच जाए.
बता दें कि करीब 3 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ ने तीन तलाक की प्रथा को अवैध करार दिया था. लेकिन अलीगढ़ में अब सामने आए यास्मीन के मामले ने ये सवाल उठाया है कि अगर तीन तलाक अवैध है और उसके बावजूद कोई शौहर अपनी पत्नी को तीन तलाक देता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई कैसे होगी. यही दिक्कत अलीगढ़ पुलिस के सामने है.
अलीगढ़ पुलिस ने खालिद को पुलिस के सामने पेश होने को कहा है जिसमें उनकी बेटी द्वारा लगाए गए प्रताड़ना के आरोपों की जांच पड़ताल और पूछताछ की जा सके. एसएसपी पांडे के मुताबिक पुलिस की पूरी कोशिश रहेगी कि यास्मीन और खालिद के बीच सुलह हो जाए.
पति का आरोप, पहले से शादीशुदा हैं यास्मीन
यूसुफ खालिद ने आरोप लगाया है कि उनकी पत्नी यास्मीन पहले से ही शादीशुदा हैं. यास्मीन ने पति के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा है कि साल 1982 में कश्मीर में उनकी मंगनी जरूर हुई थी, लेकिन कम उम्र होने के नाते परिवार ने रिश्ता तोड़ने के लिए 5 साल के लिए निकाह किया था और वह रिश्ता साल 1987 में ही खत्म हो गया था.
फर्जी दस्तावेज बना बेबुनियाद आरोप लगाए
यास्मीन का कहना है कि कश्मीर में इस्लामिक रिवाज के अनुसार उनकी निकाह निशानी पढ़ी गई थी. वह रिश्ता 5 साल में खत्म हो गया था. यास्मीन का कहना है कि उनके पति ने फर्जी दस्तावेज बनाकर उन पर झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाए हैं.
परेशान बेटे ने की थी खुदकुशी की कोशिश
युसूफ और यास्मीन के झगड़ों से तंग आकर उनके बेटे उसेद ने इसी साल जून महीने में खुदकुशी करने की भी कोशिश की थी. 'आज तक' से बातचीत में उसेद खालिद ने इस बात को कबूल किया कि उन्होंने आत्महत्या की कोशिश की थी. उन्होंने कहा कि मां बाप से झगड़ों से परेशान होकर और उनके संबंधों को बेहतर करने के लिए उन्होंने खुदकुशी करने की कोशिश की थी.