
भारतीय सेना की दक्षिणी कमान ने बुधवार को 32 नागरिक सुरक्षा कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी करने के मामले में राजस्थान के एक आईटी फर्म के खिलाफ केस दर्ज करा दिया है. कमांड ने मई में भर्ती प्रक्रिया को लेकर फर्म के साथ अनुबंध किया था.
पुणे के डिफेंस पीआरओ ने बयान जारी- फर्म ने धोखाधड़ी करते हुए भर्ती में शामिल होने वाले उम्मीदवारों से पैसे एंठ लिए. उसने साजिश के तहत एक YouTube चैनल लॉन्च किया और वीडियो के जरिए उम्मीदवारों को एक विशेष बैंक अकाउंट में 2000 रुपये जमा करने के लिए कहा ताकि उन्हें एडमिट कार्ड डाउनलोड करने की अनुमति मिल सके.
सेना के अधिकारियों ने कहा कि यूट्यूब चैनल पर पड़े वीडियो को सदर्न कमांड मिलिट्री इंटेलिजेंस (एमआई) की साइबर टीम ने जांच की. इसमें पता चला कि फर्म ने धोखाधड़ी कर कथित तौर पर करीब 2.5 लाख रुपये जुटा लिए हैं.
इसके बाद सैन्य अधिकारियों ने तुरंत फर्म से पूछताछ की. फर्म से उम्मीदवारों को पैसे वापस देने के लिए कहा और साथ ही विश्रांतवाड़ी पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ शिकायत भी दर्ज करा दी है. सैन्य अधिकारियों ने पुलिस को हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया है.
सूत्रों ने टीओआई को बताया, "कमांड को रिक्तियों के लिए लगभग 13,000 आवेदन मिले थे. स्किल टेस्ट के बाद लगभग 150 उम्मीदवारों को ट्रेड टेस्ट के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था. चूंकि फर्म के पास उम्मीदवारों का सारा विवरण था, इसलिए उसने सभी उम्मीदवारों को मेल भेज दिया. उम्मीदवारों से हॉल टिकट डाउनलोड करने के लिए 2,000 रुपये मांगे. इस तरह वे उम्मीदवारों से पैसे एंठने में कामयाब हो गए.'
सूत्रों के मुताबिक सेना के अधिकारियों को सोशल मीडिया पर मॉनिटरिंग एक्सरसाइज के दौरान संदिग्ध गतिविधि के बारे में पता चला. जांच करने पर पाया कि फर्म अवैध रूप से धन एकत्र कर रही है. जिन उम्मीदवारों ने उन्हें पैसे का भुगतान किया था.
अधिकारियों ने कहा कि भारतीय सेना सभी उम्मीदवारों को सलाह देती है कि वे साइबर अपराधियों के सोशल इंजीनियरिंग के किसी भी झांसे में न आएं और भर्ती प्रक्रिया को साफ और पारदर्शी रखने में अधिकारियों की मदद करें.