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निर्भया कांड के बाद सख्त हुआ कानून और फंसता गया आसाराम!

आसाराम नाबालिग से रेप में दोषी करार दिया जा चुका है और पिछले पांच सालों से जेल की सलाखों के पीछे बंद ये स्वयंभू बाबा अब अगर अपनी बची हुई जिंदगी रिहाई का सपना देखने में ही काटे, तो हैरानी नहीं होनी चाहिए.

और दोषी करार हुआ आसाराम और दोषी करार हुआ आसाराम
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 25 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 2:08 PM IST

एक ऐसा संत जिसके हजारों-लाखों नहीं बल्कि करोड़ों में भक्त थे, एक ऐसा संत जिसके दरबार में सीएम, मंत्री नहीं बल्कि पीएम तक हाजिरी लगाते थे, एक ऐसा कथावाचक जिसपर उंगलियां उठीं तो समर्थक मरने-मारने पर उतारू हो जाते थे, जिसने अपने प्रति लोगों की आस्था को भुनाकर देश-विदेश में अपना एक साम्राज्य स्थापित कर लिया, उसी संत आसाराम ने जब एक नाबालिग लड़की पर बुरी नजर डाली तो उसका सारा रसूख-वैभव पल भर में ध्वस्त हो गया.

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आसाराम नाबालिग से रेप में दोषी करार दिया जा चुका है और पिछले पांच सालों से जेल की सलाखों के पीछे बंद ये स्वयंभू बाबा अब अगर अपनी बची हुई जिंदगी रिहाई का सपना देखने में ही काटे, तो हैरानी नहीं होनी चाहिए. इस देश में जहां रसूखदार अक्सर अपने पैसे और पहुंच के बल पर कानून को बेबस करते हुए बड़े-बड़े जुर्म कर साफ बच निकलते हैं, वहां आसाराम जैसी हस्ती को उसके कर्मों की सजा मिल जाना अपने आप में सुखद आश्चर्य वाली खबर है. हालांकि इस मामले में आसाराम के बचने के भी चांस होते अगर निर्भया कांड के बाद

देश में उपजे जनाक्रोश के बाद केंद्र सरकार को रेप कानून में बड़े बदलाव के लिए मजबूर न होना पड़ता और पॉक्सो एक्ट अस्तित्व में न आता. ये पॉक्सो एक्ट के प्रावधान ही थे जिनके चलते एक बार आसाराम के खिलाफ पीड़िता ने पुलिस में जाने की हिम्मत दिखाई तो उसके बाद आसाराम जेल की सलाखों से बाहर नहीं आ सका.

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गौरतलब है कि निर्भया केस के बाद देश में रेप की परिभाषा पूरी तरह से बदल गई. इससे पहले सैक्सुएल पेनिट्रेशन को रेप माना जाता था, लेकिन बाद में गलत तरीके से छेड़छाड़ और अन्य तरीके के यौन शोषण को भी रेप में शामिल किया गया.

क्या होता है पॉक्सो एक्ट?

पॉक्सो शब्द अंग्रेजी से आता है. इसका पूर्णकालिक मतलब होता है प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट 2012 यानी लैंगिक उत्पीड़न से बच्चों के संरक्षण का अधिनियम 2012. इस एक्ट के तहत नाबालिग बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई की जाती है.

यह एक्ट बच्चों को सेक्सुअल हैरेसमेंट, सेक्सुअल असॉल्ट और पोर्नोग्राफी जैसे गंभीर अपराधों से सुरक्षा प्रदान करता है. पॉक्सो एक्ट की धारा 5 एफ, 6, 7, 8 और 17, किसी शैक्षिक संस्थान में बाल यौन उत्पीड़न  (अगर किसी पर पॉक्सो एक्ट लगता है तो तुरंत गिरफ्तारी होती है. इस एक्ट के तहत धरे गए आरोपी को जमानत भी नहीं मिलती है. इस एक्ट में पीड़ित बच्ची अथवा बच्चे के प्रोटेक्शन के भी प्रावधान हैं.)

आसाराम के खिलाफ धाराएं -

# धारा 376 (एफ)

यानी किसी लड़की के साथ उसके शिक्षक, रिश्तेदार, अभिभावक या धर्मगुरु द्वारा बलात्कार करना

# धारा 375 (सी)

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यानी किसी लड़की के अंगों से शारीरिक तौर पर छेड़छाड़ करना

# धारा 509/34

यानी लड़की या महिला का शीलभंग करना

# धारा 506

जान से मारने की धमकी देना

# धारा 354ए

यौन उत्पीड़न

पॉक्सो एक्ट की धारा 5 एफ, 6, 7, 8 और 17, किसी शैक्षिक संस्थान में बाल यौन उत्पीड़न  (अगर किसी पर पॉक्सो एक्ट लगता है तो तुरंत गिरफ्तारी होती है. )

इलाज के लिए आश्रम आई पीड़िता

गौरतलब है कि आसाराम पर इलाज के लिए आश्रम आई एक 16 साल की नाबालिग लड़की से बलात्कार का आरोप है. पीड़ित परिवार के मुताबिक, 5 साल पहले पीड़ित परिवार ने अपने दो बच्चों को आसाराम के छिंदवाडा के गुरुकुल में पढ़ने के लिए भेजा था. 7 अगस्त 2013 को पीड़िता के पिता को छिंदवाड़ा गुरुकुल से ने बेटी के बीमार होने की खबर दी.

कुटिया में बुलाकर रेप का आरोप

अगले दिन जब पीड़िता के माता पिता छिंदवाड़ा गुरुकुल पहुंचे. उन्हें बताया गया कि उनकी बेटी पर भूत-प्रेत का साया है. इसे आसाराम ही ठीक कर सकते हैं. 14 अगस्त को पीड़िता का परिवार आसाराम से मिलने उनके जोधपुर आश्रम पहुंचा. 15 अगस्त की शाम को पीड़िता को ठीक करने के बहाने से आसाराम ने उसे अपनी कुटिया में बुलाकर रेप किया. 31 अगस्त 2013 को इंदौर से आसाराम को गिरफ्तार किया गया था.

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