
बिहार में शराबबंदी के चलते लोग गांजा की तरफ ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं. हालात ऐसे बन गए हैं कि अब गांजा हासिल करने के लिए लोग जुर्म करने से भी गुरेज नहीं करते. बेगूसराय जिले में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां एक बच्ची का अपहरण कर लिया गया ताकि फिरौती के पैसे से गांजा खरीदा जा सके.
वारदात बेगूसराय के बखरी बाजार की है. जहां दो बाइक सवार लोगों ने उस वक्त एक आठ साल की बच्ची का अपहरण कर लिया, जब वह बुधवार की शाम साढे पांच बजे डांस क्लास से लौट रही थी. बच्ची जीविका के अधिकारी कुन्दन साह की बेटी है.
सुबह बेगूसराय के मझौल इलाके के एक घर में बच्ची को रोते हुए पडोसियों ने देख लिया. उन्होंने तुरंत इस संबंध में पुलिस को सूचना दे दी. पुलिस टीम ने मौके पर दबिश देकर बच्ची को बरामद कर लिया. साथ ही दोनों अपहरणकर्ताओं को भी गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने बदमाशों के कब्जे से एक बिना नंबर की बाइक भी बरामद की है.
पुलिस के मुताबिक बाइक को इसी इलाके से दो तीन दिन पहले चुराया गया था. यानि पूरी साजिश के तहत इस अपहरण को अंजाम दिया गया था. गिरफ्तार किए गए आरोपी युवक धर्मेंद्र साहनी ने बताया कि गांजा पीने के लिए उन्होंने यह अपहरण किया था. वे फिरौती के रूप में 50 हजार रुपये मांगने वाले थे. जिससे वो गांजा खरीद कर पीते.
दोनों आरोपी युवकों ने बच्ची को अपने नाना के घर में छिपा कर रखा रखा था. बेगूसराय के एसपी रंजीत मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि बुधवार शाम साढ़े पांच बजे के लगभग बखरी थाना इलाके के बाजार से दो बाइक सवार अपराधियों ने बच्ची को अगवा कर लिया था.
जिसके बाद पुलिस ने छापेमारी कर 12-13 घंटे के अंदर ही मंझौल थाना इलाके से बच्ची को बरामद कर लिया है. बच्ची को नरेश साहनी के घर में बंद करके रखा गया था. नरेश साहनी अपहरणकर्ता का नाना लगता है. वहीं से बिना नंबर का बाइक भी बरामद की गई है.
एसपी ने बताया कि शुरूआती जांच में पता चला है कि इनका प्लान फिरौती मांगने का था, लेकिन फिरौती के लिए जब तक ये फोन कर पाते तब तक इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. बच्ची के सकुशल बरामद हो जाने से उसके परिजनों ने राहत की सांस ली है.
गौरतलब है कि गांजा प्रतिबंधित होने के साथ-साथ महंगा भी होता है. शराबबंदी की वजह से बिहार में गांजा की तस्करी में भारी वृद्धि देखी जा रही है. शराब नहीं मिलने पर लोग गांजा का सेवन कर रहे हैं. हालांकि इस दौरान भारी मात्रा में अवैध तस्करी का गांजा पकडा भी जा रहा है.