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मथुरा में कथावाचक देवकीनन्दन ठाकुर और उनके भाई पर FIR दर्ज, छेड़छाड़ और मारपीट का है आरोप

भागवत कथावाचक देवकीनन्दन ठाकुर और उनके भाई विजय शर्मा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी की धारा 354, 323, 452, 504, 506, 147 के अलावा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर (Courtesy- Facebook Profile) कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर (Courtesy- Facebook Profile)
aajtak.in
  • मथुरा,
  • 03 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 9:23 AM IST

  • पत्रकार ने 6 लोगों के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर
  • पुलिस ने कहा- जांच के बााद मामले में होगी कार्रवाई

वृंदावन के भागवत कथावाचक देवकीनन्दन ठाकुर और उनके भाई विजय शर्मा सहित आधा दर्जन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. इन पर एक दलित के घर में घुसकर मारपीट करने, जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने और वहां मौजूद महिला से छेड़छाड़ करने का मामला दर्ज किया गया है. यह एफआईआर मथुरा के थाना हाईवे में दर्ज की गई है.

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पुलिस के मुताबिक देवकीनन्दन ठाकुर और उनके भाई विजय शर्मा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है और छानबीन की जा रही है. सीओ रिफाइनरी वरुण कुमार का कहना है कि भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी की धारा 354, 323, 452, 504, 506, 147 के अलावा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया गया है. अब मामले की जांच की जा रही है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

देवकीनन्दन ठाकुर और उनके भाई विजय शर्मा के खिलाफ पत्रकार पुष्पेंद्र कुमार आर्य ने 27 फरवरी को शिकायत दी गई थी. देवकीनन्दन ठाकुर और उनके भाई विजय शर्मा के अलावा गजेंद्र, श्याम सुंदर, अमित और धर्मेंद्र पर भी आरोप लगाया गया है. पत्रकार पुष्पेंद्र कुमार आर्य ने अपनी शिकायत में बताया कि देवकीनन्दन ठाकुर और उनके भाई विजय शर्मा ने जान से मारने की भी धमकी दी है.

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इससे पहले साल 2018 में एससी-एसटी एक्ट के विरोध में भारत बंद की अगुवाई करने पर कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर को आगरा में गिरफ्तार किया गया था. हालांकि बाद में उनको जमानत पर रिहा कर दिया गया था. वो धारा 144 लागू होने के बावजूद प्रशासन की अनुमति के बिना एससी-एसटी एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन करने आगरा पहुंचे थे.

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देवकीनंदन ठाकुर एससी-एसटी कानून के कड़े विरोधी रहे हैं. एससी-एसटी एक्ट के खिलाफ मुहिम चलाने के लिए 'अखंड इंडिया मिशन' नाम का एक दल भी बनाया गया था, जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर को बनाया गया था.

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