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भोपाल मूक बधिर रेपकांडः सेना का रिटायर हवलदार है आरोपी

भोपाल मूक बधिर नाबालिगों के साथ रेप का आरोपी 70 वर्षीय एमपी अवस्थी भारतीय सेना में बतौर हवलदार काम कर चुका है. पुलिस ने बताया कि आरोपी अवस्थी सेना से रिटायरमेंट के बाद से ही दिव्यांगों के लिए साईं विकलांग अनाथ आश्रम चला रहा था.

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
राम कृष्ण/रवीश पाल सिंह
  • भोपाल,
  • 16 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 9:21 AM IST

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मूक बधिर छात्राओं से रेप करने का आरोपी भारतीय सेना का रिटायर हवलदार है. पुलिस ने बताया कि 70 साल का आरोपी एमपी अवस्थी भारतीय सेना में बतौर हवलदार काम कर चुका है और रिटायरमेंट के बाद से ही दिव्यांगों के लिए साईं विकलांग अनाथ आश्रम चला रहा था.

वहीं, शनिवार को कांग्रेस ने फिर आरोप लगाया कि जब आरोपी एमपी अवस्थी की संस्था को होशंगाबाद में ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया था, तो फिर उसके बैरागढ़ में चल रहे विकलांग अनाथ आश्रम पर सरकार मेहरबान क्यों रही और क्यों इसे सरकारी अनुदान मिलता रहा?

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आपको बता दें कि शुक्रवार देर रात पुलिस ने मामले के आरोपी एमपी अवस्थी के खिलाफ IPC की धारा 376, 377, 373 और 354 के तहत FIR दर्ज की थी. मामले में आरोपी के साथ एक महिला को भी गिरफ्तार किया गया है.

वहीं, शनिवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार पहले ही 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ रेप के आरोपियों के लिए फांसी की सज़ा का प्रावधान कर चुकी है और अब इस तरह के मामलों में भी कड़ी सज़ा का प्रावधान बनाने की कोशिश करेगी.

शुक्रवार को पुलिस ने पीड़ित मूक बधिर छात्र-छात्राओं का मेडिकल चेकअप भी करवाया था. पुलिस सूत्रों के मुताबिक मूक बधिर छात्राओं की बात समझने के लिए सरकारी विशेषज्ञ को बुलाया गया था, जिसने उनकी बातों को सुना और फिर पुलिस को इनके साथ हुई दरिंदगी के बारे में बताया.

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मामले में एफआईआर दर्ज करने में हुई देरी के सवाल पर पुलिस ने कहा कि पांचों मूक बधिर विद्यार्थियों की बात समझने में समय लग गया. हालांकि मामला दर्ज करते ही सभी पीड़ितों का तुरंत सरकारी अस्पताल में मेडिकल चेकअप करवाया गया.

आपको बता दें कि अभी ज़्यादा दिन नहीं बीते जब भोपाल के अवधपुरी इलाके में स्थित हॉस्टल की मूक बधिर छात्राओं ने संचालक अश्विनी शर्मा पर रेप का आरोप लगाया था. इस मामले की जांच अभी पूरी भी नहीं हुई थी कि इस नए मामले ने एक बार फिर सामाजिक न्याय विभाग के काम करने के तरीके पर सवाल खड़े कर दिए.

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