
केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे और भागलपुर में दंगा फैलाने के आरोपी अर्जित शाश्वत चौबे जमानत मिलने के बाद बुधवार को जेल से रिहा हो गए. 9 अप्रैल को भागलपुर के जिला जज कुमुद रंजन सिंह ने शाश्वत की जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद उन्हें जमानत दे दी थी.
अश्विनी चौबे के बेटे के ऊपर आरोप है कि उन्होंने 17 मार्च को भागलपुर में एक धार्मिक जुलूस के दौरान भड़काऊ बयानबाजी की जिसके बाद इलाके में सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी. इस घटना में नाम आने और प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से ही अर्जित शाश्वत फरार चल रहे थे.
मगर 31 मार्च को पटना पुलिस ने उन्हें रेलवे स्टेशन के बाहर महावीर मंदिर से गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद शाश्वत ने पुलिस से कहा क्योंकि उनकी अग्रिम जमानत याचिका भागलपुर कोर्ट से खारिज कर दी गई थी, इसीलिए उसने पटना पुलिस के सामने सरेंडर किया था. मगर पुलिस का कहना था कि उन्होंने उसे गिरफ्तार किया है.
शाश्वत को गिरफ्तार करने के बाद पटना पुलिस ने उसे भागलपुर पुलिस को सौंप दिया और अगले दिन उससे न्यायालय में पेश किया गया. जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. न्यायिक हिरासत में जाने के बाद अर्जित शाश्वत ने निचली अदालत में जमानत याचिका दायर की थी. मगर वह खारिज हो गई थी.
इसके बाद उसने जिला जज की कोर्ट में फिर से जमानत याचिका दायर की. जहां से उसे जमानत मिल गई. शाश्वत को जमानत देते हुए कोर्ट ने यह शर्त रखी थी कि वह जेल से बाहर निकलने के बाद किसी प्रकार के धरना और प्रदर्शन में अगले 30 दिन तक भाग नहीं लेंगे.
गौरतलब है कि 17 मार्च को भागलपुर के नाथनगर में जो सांप्रदायिक दंगा भड़का था. उसमें दो पुलिस वाले बुरी तरीके से जख्मी हो गए थे और दो समुदाय के कई लोग घायल हुए थे. जेल से निकलने के बाद भाजपा के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने शाश्वत का स्वागत किया. जेल से निकलते वक्त शाश्वत भगवा रंग के साफे में नजर आए.