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लापता सिपाही की पत्नी लगाती रही थाने के चक्कर, पुलिस ने अज्ञात में किया दाह संस्कार

सिपाही अशोक के घरवालों ने 22 जुलाई को पुलिस लाइन जाकर अधिकारियों को उनके गुम हो जाने की सूचना दी. साथ ही बुद्धा कॉलोनी थाने में गुमशुदगी की एफआईआर भी दर्ज कराई गई.

अब पुलिस मामले की छानबीन कर रही है (सांकेतिक तस्वीर) अब पुलिस मामले की छानबीन कर रही है (सांकेतिक तस्वीर)
परवेज़ सागर
  • पटना,
  • 01 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 8:05 PM IST

बिहार की राजधानी पटना में पुलिस की लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है. जहां एक लापता पुलिसकर्मी की लाश की शिनाख्त किए बिना ही पटना पुलिस ने लावारिस समझकर उसका दाह संस्कार कर दिया. मृतक पुलिसकर्मी पुलिस लाइन में तैनात 45 वर्षीय अशोक पासवान था. उसका परिवार उसे तलाश कर रहा था.

जानकारी के मुताबिक सिपाही अशोक पासवान 16 जुलाई को अपने घर से राजभवन जाने के लिए निकले थे. उनकी ड्यूटी वहीं पर थी. लेकिन ड्यूटी का समय खत्म होने के बाद भी वह घर लौटकर नहीं आए. अशोक की पत्नी और बच्चे घर पर उनका इंतजार करते रहे. फिर उनकी खोजबीन की.

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परिवारवालों को सुबह तक भी अशोक पासवान के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली. इस दौरान घरवालों ने तलाश जारी रखी. इसके बाद 22 जुलाई को अशोक के परिजनों ने पुलिस लाइन जाकर अधिकारियों को उनके गुम हो जाने की सूचना दी. साथ ही बुद्धा कॉलोनी थाने में गुमशुदगी की एफआईआर भी दर्ज कराई.

इसी दौरान 17 जुलाई को पुलिस ने गांधी मैदान के पास से एक अज्ञात शख्स की लाश बरामद की. शिनाख्त करने के मकसद से मृतक की एक तस्वीर पटना पुलिस के वॉट्सएप ग्रुप में डाल दी गई. लेकिन ग्रुप में शामिल कोई भी अधिकारी या कर्मचारी अशोक पासवान को नहीं पहचान पाया.

नतीजा ये हुआ है कि पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने के बाद लाश मोर्चरी में रख दी. और 72 घंटे बीत जाने के बाद उस लाश को लावारिस समझकर उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया.

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अशोक पासवान की पत्नी और बच्चे लगातार थाने के चक्कर लगा रहे थे. तभी बुद्धा कॉलोनी थाने के SHO रविशंकर सिंह ने 30 जुलाई की रात पटना पुलिस का वॉट्सएप ग्रुप खंगाला. उसमें शेयर की गई तस्वीरों को देखा. इसी दौरान उनकी नजर गांधी मैदान थाना पुलिस द्वारा शिनाख्त के लिए शेयर की गई फोटो पर पड़ी.

SHO रविशंकर को कुछ शक हुआ. उन्होंने अशोक पासवान के बेटे को थाने बुलाकर वो तस्वीर दिखाई. जिसे देखकर अशोक का बेटा सदमे में आ गया. वो तस्वीर उसके पिता की ही थी. पुलिस ने अज्ञात मानकर उस शव का दाह संस्कार 20 जुलाई को ही कर दिया था. लिहाजा पुलिस की लापरवाही अब सामने आ चुकी थी.

पुलिस के मुताबिक गांधी मैदान से अज्ञात लाश मिली थी. उसकी नाक से खून आ रहा था. मृतक ने टी-शर्ट और पैंट पहनी थी. उसके पास कोई आईडी या मोबाइल फोन भी नहीं मिला. इसी वजह से उसकी शिनाख्त नहीं हो पाई थी.

मृतक अशोक पासवान अररिया जिले के सिमराहा गांव के रहने वाले थे. वर्तमान में वह अपनी पत्नी आरती व बच्चों के साथ मंदिरी इलाके में रहते थे. पटना की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गरिमा मलिक के अनुसार अशोक की लाश सादा वर्दी में थी. शव के पास कोई आईडी भी नहीं था. उनके पास मोबाइल भी मौजूद नहीं था. इसी वजह से शिनाख्त नहीं हो सकी.

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