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पंचायत ने सुनाया पति-पत्नी को ज़िंदा जलाने का तालिबानी फरमान

एक तरफ देश को विश्व का सिरमौर बनाने के वादे किए जाते हैं. वहीं दूसरी तरफ देश में ऐसी भी पंचायतें हैं जो तालिबानी फरमान सुनाने के लिए खुद कटघरे में खड़ी दिखती हैं. ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से सामने आया है. बुलंदशहर जिले के प्रहादपुर गांव के रहने वाले एक शख्स का दावा है कि उसे और उसकी दो माह की गर्भवती पत्नी को आलमगीरपुर धनौरा गांव की पंचायत ने जिंदा जला देने का फरमान सुनाया है.

पुलिस मामले की छानबीन कर रही है पुलिस मामले की छानबीन कर रही है
परवेज़ सागर/खुशदीप सहगल
  • बुलंदशहर,
  • 23 मई 2017,
  • अपडेटेड 5:12 PM IST

एक तरफ देश को विश्व का सिरमौर बनाने के वादे किए जाते हैं. वहीं दूसरी तरफ देश में ऐसी भी पंचायतें हैं जो तालिबानी फरमान सुनाने के लिए खुद कटघरे में खड़ी दिखती हैं. ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से सामने आया है. बुलंदशहर जिले के प्रहादपुर गांव के रहने वाले एक शख्स का दावा है कि उसे और उसकी दो माह की गर्भवती पत्नी को आलमगीरपुर धनौरा गांव की पंचायत ने जिंदा जला देने का फरमान सुनाया है.

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रविंद्र नाम के इस शख्स का कहना है कि उसकी पत्नी को उसके पिता ने अपने घर में बंधक बना कर रखा हुआ है. रविंद्र के मुताबिक वो और उसकी पत्नी दोनों बालिग और शिक्षित हैं और दोनों ने इस साल 15 मार्च को ग्रेटर नोएडा में आर्य समाज मंदिर में शादी की थी. फिर इस शादी का बुलंदशहर में सरकारी तौर पर आवश्यक रजिस्ट्रेशन भी कराया था.

रविंद्र का दावा है कि उसकी पत्नी के घरवाले इस शादी से खुश नहीं थे. 18 मई को लड़की के पिता बहलावा देकर उसे अपने घर ले गए. उन्होंने ये कहा था कि दोनों की शादी हिंदू रिवाज से सबके सामने कराई जाएगी, फिर दोनों के साथ रहने पर उन्हें कोई ऐतराज नहीं होगा.

रविंद्र ने पहले 19 मई को बुलंदशहर के एसएसपी को इस मामले में चिट्ठी भेजकर अपनी व्यथा सुनाई. रविंद्र ने फिर 21 मई को प्रशासन-पुलिस के साथ ही लखनऊ तक चिट्ठी भेजकर इनसाफ की मांग की. रविंद्र ने इस चिट्ठी में दावा किया कि उसकी पत्नी उसके साथ रहना चाहती है लेकिन उसके घरवालों ने उसे बंधक बना कर रखा हुआ है.

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रविंद्र ने चिट्ठी में ये भी कहा कि उसे ये धमकी दी जा रही है कि उसने पुलिस में जाने की कोशिश की तो उसे पत्नी समेत जिंदा जला दिया जाएगा. रविंद्र ने दावा किया कि इस बारे में पंचायत से फरमान भी जारी करवा दिया गया है.

जहां तक लड़की के घरवालों का मामला है तो वो इस संबंध में बात करने के लिए सामने आने से इनकार कर रहा है. वहीं, आलमगीरपुर धनौरा गांव के प्रधान हिमांशु से संपर्क किया गया तो उन्होंने पंचायत की ओर से ऐसा कोई भी फरमान जारी किए जाने से इनकार किया. हिमांशु ने फोन पर गांव से बाहर होने की बात कही. हिमांशु ने उलटे रविंद्र को ही संदिग्ध आचरण का शख्स बताया.

इस बारे में जब बुलंदशहर के एसपी देहात जगदीश शर्मा से जब जानकारी लेनी चाही तो उनका जवाब था कि एक शख्स से शिकायत मिली है. सच्चाई क्या है, उसकी जांच कराई जा रही है.

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