
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को हाल ही में बुलंदशहर में हुई हिंसा के मामले की जांच की स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने यह निर्देश गुरुवार को दिया.
हाई कोर्ट में बुलंदशहर हिंसा मामले में आरोपी शिखर अग्रवाल उर्फ शिखर कुमार द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई हो रही थी. मामले की सुनवाई करते हुए जज राम सूरत राम मौर्य और जज अनिल कुमार की खंडपीठ ने राज्य सरकार को इस रिट याचिका में दी गई दलीलों के जवाब में एक जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया.
बता दें कि तीन दिसंबर, 2018 को बुलंदशहर में गुस्साई भीड़ द्वारा किए गए हमले में पुलिस निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह और एक स्थानीय युवक की मौत हो गई थी. यह भीड़ उस क्षेत्र में कथित गो हत्या के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही थी.
अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 जनवरी, 2018 की तारीख तय की है. याचिकाकर्ता के मुताबिक, वह एक मेडिकल छात्र है. उसका आरोप है कि इस मामले की जांच करने के बजाय स्थानीय पुलिसकर्मी उसके परिवार का उत्पीड़न कर रहे हैं इसलिए उसने अदालत से इस मामले की जांच स्थानीय पुलिस से किसी अन्य एजेंसी को सौंपने का निर्देश देने का अनुरोध किया.
हालांकि, इस रिट याचिका का विरोध करते हुए राज्य सरकार के वकील ने कहा कि बुलंदशहर हिंसा की जांच के लिए विशेष जांच टीम गठित की गई है. इसके अलावा, घटना की मजिस्ट्रेट जांच भी चल रही है.
राज्य सरकार के वकील ने आगे दलील दी कि याचिकाकर्ता बुलंदशहर हिंसा मामले में नामजद है और वह जांच में सहयोग नहीं कर रहा है. आरोपी याचिकाकर्ता की उपस्थिति पक्की करने के लिए उसकी संपत्ति तक कुर्क कर ली गई है.