
पश्चिम उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में सोमवार को हुई हिंसा के आरोपियों को उत्तर प्रदेश पुलिस ने पकड़ना शुरू कर दिया है. अभी तक 3 गिरफ्तारी की जा चुकी है और कई की तलाश जारी है. बुलंदशहर में सोमवार को क्या हुआ, इसको लेकर कई पहलू सामने आए हैं. घटना वाली जगह पर ही चाय की दुकान चलाने वाले रामपाल सिंह ने इस बर्बर हिंसा की पूरी कहानी को बयां किया.
'आजतक' संवाददाता निशांत चतुर्वेदी से बात करते हुए रामपाल सिंह ने बताया कि कुछ लोगों ने अवशेष लाकर ट्रॉली में रखे, तभी भीड़ आई और पत्थर फेंकने शुरू कर दिए. जिसके बाद पुलिस चौकी पर हमला कर दिया.
उन्होंने बताया कि पुलिस वाले इस दौरान भागते हुए काफी आगे चले गए. उन्होंने बताया कि करीब हजारों की संख्या में लोग 1 घंटे तक यहां उपद्रव मचाते रहे.
जिस पुलिस चौकी को जलाया गया है, उससे करीब 50 मीटर की दूरी पर ही रामपाल की चाय की दुकान है. उनका कहना है कि वह पिछले 3-4 साल से यहां पर ही चाय की दुकान चला रहे हैं.
आपको बता दें कि बुलंदशहर में हुई इस हिंसा में 1 पुलिसवाले और एक आम नागरिक की मौत हो गई है. पुलिस लगातार छानबीन कर रही है और 75 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया गया है.
क्या हुआ बुलंदशहर में...?
गौरतलब है कि सोमवार (3 दिसंबर) को बुलंदशहर के स्याना थाना क्षेत्र के एक खेत में गोकशी की आशंका के बाद बवाल शुरू हुआ. जिसकी शिकायत मिलने पर सुबोध कुमार पुलिसबल के साथ मौके पर पहुंचे थे. इस मामले में एफआईआर दर्ज की जा रही थी, इतने में ही तीन गांव से करीब 400 लोगों की भीड़ ट्रैक्टर-ट्राली में कथित गोवंश के अवशेष भरकर चिंगरावठी पुलिस चौकी के पास पहुंच गई और जाम लगा दिया.
इसी दौरान भीड़ जब उग्र हुई तो पुलिस ने काबू पाने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े और जल्द ही वहां फायरिंग भी होने लगी. जिसमें सुबोध कुमार घायल हो गए और एक युवक भी जख्मी हो गया. सुबोध कुमार को अस्पताल ले जाने से रोका गया और उनकी कार पर जमकर पथराव भी किया गया. अब पुष्टि हुई है कि सुबोध कुमार की मौत गोली लगने से हुई है.
आपको बता दें कि बुलंदशहर के जिलाधिकारी के अनुसार, सुबोध कुमार के सिर में गोली लगी थी, जिस कारण उनकी मौत हुई है. उन्होंने यह भी बताया है कि हमले के बाद जब सुबोध कुमार ने खेत की तरफ जाकर खुद को बचाने की कोशिश की तो भीड़ ने उन पर वहां भी हमला किया.