
छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में लोगों को करोड़ों का चूना लगाने वाली चिटफंड कंपनी यश इन्वेस्टमेंट ग्रुप का निदेशक अमित श्रीवास्तव हबीबगंज रेलवे स्टेशन से पुलिस की आंखों में धूल झोंककर फरार हो गया. उसे छत्तीसगढ़ पुलिस के आधा दर्जन जवान पेशी के लिए भोपाल लेकर गए थे. अब पुलिस उसकी तलाश कर रही है.
यह घटना बुधवार की है. छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और झारखंड में सैंकड़ों लोगों को ठगने वाली कुख्यात चिटफंड कंपनी यश इन्वेस्टमेंट ग्रुप का डायरेक्टर अमित श्रीवास्तव पुलिस हिरासत में था. पुलिस बुधवार की दोपहर उसे भोपाल कोर्ट में पेशी के बाद वापस दुर्ग लाने के लिए भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर लाई थी.
छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस कोहरे की वजह से अपने निर्धारित समय से काफी लेट चल रही थी. लिहाजा पुलिसकर्मी अमित श्रीवास्तव को अपनी हिरासत में लेकर वेटिंग रूम में आराम फरमाने लगे. इसी दौरान मौका पाकर अमित श्रीवास्तव ने हथकड़ी खोली और चंपत हो गया.
उधर, जब पुलिसकर्मियों की आंखे खुली तो उनके पैरों तले से ज़मीन खिसक गई. पुलिसकर्मियों ने पहले रेलवे स्टेशन और उसके चारों ओर अमित श्रीवास्तव की तलाश की. जब वह नहीं मिला तो पूरे शहर में उसे ढूंढा. जब आठ-दस घंटे बाद भी अमित श्रीवास्तव का कोई सुराग नहीं मिला, तब पुलिसकर्मियों ने हबीबगंज रेलवे पुलिस को घटना की जानकारी दी.
हबीबगंज जीआरपी थाना प्रभारी बीएल सेन के मुताबिक दुर्ग पुलिस के आरक्षक सर्वेश कुमार पांडे, हेमंत कुमार और अर्जुन की शिकायत के बाद आरोपी 45 वर्षीय अमित श्रीवास्तव के खिलाफ पुलिस हिरासत से फरार होने का मामला दर्ज कर लिया है.
घटना की जानकारी मिलते ही छत्तीसगढ़ पुलिस में खलबली मच गई. दुर्ग रेंज के आईजी जीपी सिंह ने आरोपी अमित श्रीवास्तव को पेशी में लेकर गए सभी पुलिसकर्मियों को लापरवाही के आरोप में सस्पेंड कर दिया. उन पुलिसकर्मियों की विभागीय जांच के निर्देश दिए गए हैं.
छत्तीसगढ़ पुलिस ने आरोपी अमित श्रीवास्तव की तस्वीरें मध्य प्रदेश समेत पुलिस को भेजी हैं. उसकी फरारी की सूचना अन्य राज्यों को भी भेजी गई है. बताते चलें कि यश ग्रुप ने अपनी विभिन्न चिटफंड योजनाओं से छत्तीसगढ़ में बीते पांच सालों में लगभग 18 करोड़ का कारोबार किया था. 3 साल में रकम दुगनी करने के बांड बेचे थे. जब बांड भुनाने की बारी आई, तो कंपनी सभी दफ्तर एक के बाद एक बंद होते चले गए. कंपनी का निदेशक अमित श्रीवास्तव भी गायब हो गया था. लेकिन पुलिस ने चार माह पहले ही उसे दिल्ली से धर दबोचा था.