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कठुआ रेप-मर्डर केस: चार्जशीट से खुलासा- नशा देकर बच्ची से कई बार किया रेप

कश्मीर के कठुआ में एक बच्ची के साथ रेप और हत्या मामले में एक अदालत में आरोपपत्र दाखिल करने गई अपराध शाखा टीम को रोकने का प्रयास किया गया. ऐसा करने वाले वकीलों के खिलाफ पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है.

कश्मीर के कठुआ में हुई थी वारदात कश्मीर के कठुआ में हुई थी वारदात
मुकेश कुमार
  • श्रीनगर,
  • 11 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 1:30 PM IST

कश्मीर के कठुआ में एक बच्ची के साथ रेप और हत्या मामले में एक अदालत में आरोपपत्र दाखिल करने गई अपराध शाखा टीम को रोकने का प्रयास किया गया. ऐसा करने वाले वकीलों के खिलाफ पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है. वकीलों के विरोध पर काबू पाने के लिए पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा. इसके बाद सातों आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया जा सका.

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कठुआ जिले की हीरानगर तहसली के रासाना में जनवरी में एक आठ साल की बच्ची का अपहरण कर उसके साथ रेप किया गया और बाद में हत्या कर दी गई थी. इस मामले दाखिल आरोपपत्र के मुताबिक, बच्ची को अगवा करके एक धार्मिक स्थल के परिसर में रखा गया. वहां उसे बार-बार नशा दिया गया. उसके साथ कई बार रेप किया गया.

इस धार्मिक स्थल की देखरेख संजीराम करता था. इसमें अपराध में एक पुलिसकर्मी दीपक भी शामिल था. आरोपियों ने लोकल पुलिस को पैसे भी दिए थे, ताकि पुलिस अगवा हुई बच्ची की तलाश न करे. बच्ची को बार-बार हवस का शिकार बनाने के बाद पहले उसका गला घोंटा गया. इसके बाद उसके सिर पर पत्थर मार कर मौत के घाट उतार दिया गया.

पीड़िता के पिता ने 12 जनवरी को हीरानगर पुलिस स्टेशन में अपने बच्ची के लापता होने के संबंध में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उन्होंने बताया था कि उनकी 8 वर्षीय बच्ची 10 जनवरी को घोड़ों को चराने के लिए गई, तबसे वापस नहीं लौटी. पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करके बच्ची की तलाश शुरू कर दी. 17 जनवरी को लापता बच्ची का शव जंगल के पास से बरामद किया गया था.

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वहीं, इस घटना की जांच कर रही राज्य पुलिस ने कठुआ जिला अदालत में एक अन्य आरोपी के खिलाफ पृथक आरोप पत्र दाखिल किया. इस आरोपी को पहले किशोर बताया जा रहा था. राजनीतिक पार्टियां ने इस मामले से निबटने के मुद्दे पर एक-दूसरे पर आरोप- प्रत्यारोप लगाए. दक्षिणपंथी समूहों से आरोपियों के संबंध की वजह से मामला सांप्रदायिक भी हो गया.

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया था कि अपराध शाखा ने आठ में से सात आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है. उधर, कठुआ बार एसोसिएशन ने दावा किया कि स्थानीय वकीलों के विरोध की वजह से अधिकारियों को बिना आरोप पत्र दाखिल किए अदालत परिसर से जाना पड़ा था. हालांकि, इस संबंध में पुलिस ने केस दर्ज किया है.

एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि हमने अदालत में एक अन्य आरोपी के खिलाफ पृथक चालान दाखिल किया. बच्ची का शव उसके अगवा होने के एक हफ्ते बाद 17 जनवरी को रस्सना वन से मिला था. उसका उस वक्त अपहरण कर लिया गया था जब वह जंगल में घोड़ों को चरा रही थी. यह लड़की बकरवाल समुदाय से है. 23 जनवरी को अपराध शाखा को केस सौंपा गया.

इसके बाद दो विशेष पुलिस अधिकारी और एक हेड हांस्टेबल को गिरफ्तार किया गया. हेड कांस्टेबल पर सबूतों को मिटाने का आरोप लगाया गया है. अपराध शाखा के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, सात मार्च के मेडिकल परीक्षण के बाद यह पता चला कि जिस आरोपी को किशोर समझा गया था वह 19 साल का है.

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कठुआ बार एसोसिएशन के सभी सदस्यों ने मामले में अपराध शाखा की ओर से आरोप पत्र दाखिल करने को लेकर प्रदर्शन किया, क्योंकि वे मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं. एसोसिएशन के अध्यक्ष कीर्ति भूषण महाजन ने कहा कि मामले में अपराध शाखा की तहकीकात को लेकर बार एसोसिएशन हड़ताल पर है और सीबीआई जांच के पक्ष में है.

जम्मू बार एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि अपराध शाखा डोगरा समुदाय को जांच में निशाना बना रही है. वे पिछले पांच दिन से हड़ताल पर हैं. उन्होंने कल जम्मू बंद बुलाया है. कांग्रेस और माकपा ने वकीलों के विरोध की कड़ी निंदा की है, जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने मुकदमे को कठुआ से बाहर स्थानांतरित करने और जल्द इंसाफ की मांग की है.

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