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छत्तीसगढ़: पूरी ट्रेन कर ली थी हाईजैक, गैंगस्टर उपेंद्र समेत 8 को उम्रकैद

6 फरवरी 2013 को छत्तीसगढ़ के दुर्ग में ट्रेन हाइजैक करने की पहली घटना घटी थी. इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. बदमाशों ने करीब डेढ़ किलोमीटर तक पूरी जनशताब्दी ट्रेन के ड्राइवर और ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों को बंधक बनाकर रखा था.

ट्रेन हाईजैक करने वाला गैंगस्टर उपेंद्र सिंह ट्रेन हाईजैक करने वाला गैंगस्टर उपेंद्र सिंह
सुनील नामदेव/आशुतोष कुमार मौर्य
  • रायपुर,
  • 26 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 12:21 AM IST

जनशताब्दी एक्सप्रेस को हाईजैक करने वाले गिरोह के सरगना उप्रेंद्र समेत उसके आठ साथियों को छत्तीसगढ़ की एक निचली अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. गैंगस्टर उपेंद्र समेत आठ बदमाशों को विशेष अदालत ने रेलवे एक्ट के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा 5 अलग-अलग धाराओं में सभी को सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है.

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यही नहीं, प्रत्येक दोषी को 9500 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. इस प्रकरण में पुलिस ने 11 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की थी. इनमें से दो आरोपी अभी तक फरार हैं, जबकि एक नाबालिग आरोपी का केस किशोर अदालत में विचारधीन है.

ट्रेन हाईजैक करने और रेलकर्मियों के अपहरण की साजिश रचने के जुर्म में उपेंद्र सिंह उर्फ़ कबरा, प्रीतम सिंह उर्फ़ राजेश, शंकर साव, अनिल सिंह, राजकुमार कश्यप, पिंकू उर्फ़ वरुण, सुरेश उर्फ़ पप्पू, उपेंद्र उर्फ़ छोटू को सजा सुनाई है.

ट्रेन हाईजैक करने की देश की पहली घटना

6 फरवरी 2013 को छत्तीसगढ़ के दुर्ग में ट्रेन हाइजैक करने की पहली घटना घटी थी. इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. बदमाशों ने करीब डेढ़ किलोमीटर तक पूरी जनशताब्दी ट्रेन के ड्राइवर और ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों को बंधक बनाकर रखा था. ड्राइवर और अन्य स्टॉफ को गिरोह ने बंदूक की नोक पर बंधक बना लिया था. बदमाश ड्राइवर पर ट्रेन को दूसरे स्टेशन पर ले जाने का दबाव बना रहे थे.

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गैंगस्टर पिता को छुड़ाने के लिए बेटे ने हाईजैक की थी ट्रेन

अपहरण के एक चर्चित मामले के मुख्य आरोपी गैंगस्टर उपेंद्र को भगाने के लिए उसके बेटे प्रीतम सिंह उर्फ राजेश ने गैंग के अन्य बदमाशों के साथ मिलकर पूरी ट्रेन ही हाईजैक कर ली थी. 6 फरवरी 2013 को एक आपराधिक प्रकरण की सुनवाई को लेकर बिलासपुर सेंट्रल जेल में बंद उपेंद्र को पेशी के लिए दुर्ग न्यायालय लाया गया था. उपेंद्र सिंह इस दौरान पुलिस की अभिरक्षा में था.

अदालत में पेशी ख़त्म होने के बाद पुलिस उपेंद्र को इसी ट्रेन से वापस बिलासपुर लौट रही थी. उपेंद्र को छुड़ाने के लिए उसके बेटे प्रीतम सिंह ने साजिश रची और दुर्ग से रायगढ़ के बीच चलने वाली जनशताब्दी एक्सप्रेस को दर्जन भर बदमाशों के साथ मिलकर हाईजैक कर लिया.

गैंगस्टर को पुलिस से छुड़ाने में सफल रहे थे बदमाश

ट्रेन हाईजैक करने के बाद बदमाश रायपुर से सटे कुम्हारी रेलवे स्टेशन के निकट से उपेंद्र सिंह को पुलिस अभिरक्षा से छुड़ाकर अपने साथ भगा ले गए. इस दौरान आरोपियों ने लाल रंग की एक कार भी लूटी थी. इसी कार में सभी आरोपी भाग निकले. हालांकि कुछ माह बाद ही उपेंद्र और उसके बेटे प्रीतम सिंह सहित ज्यादातर आरोपी दबोच लिए गए.

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इस गिरोह पर भिलाई, दुर्ग और रायपुर में अपहरण और बैंक में डकैती जैसे कई गंभीर अपराधों में संलिप्तता का भी आरोप है. ट्रेन हाईजैक के दौरान लोको पायलट को कट्टा दिखाकर धमकाने के लिए मुख्य आरोपी उपेंद्र के बेटे प्रीतम सिंह और पिंकू उर्फ़ वरुण सिंह को 10-10 साल की सजा सुनाई गई है.

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