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छत्तीसगढ़: विधायक की पिटाई मामले में मैजिस्ट्रेट जांच के आदेश

इस घटना में समर्थकों पर तो डंडे बरसे ही लेकिन पीड़ितों की वकालत कर रहे विधायक विमल चोपड़ा को भी पुलिस कर्मियों ने जमकर पीटा. बुरी तरह से जख्मी विमल चोपड़ा को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया.

विधायक विमल चोपड़ा विधायक विमल चोपड़ा
रणविजय सिंह/सुनील नामदेव
  • महासमुंद,
  • 22 जून 2018,
  • अपडेटेड 2:37 PM IST

छत्तीसगढ़ के महासमुंद में निर्दलीय विधायक डॉ विमल चोपड़ा के साथ हुई पुलिस की झड़प और बदसलूकी के मामले की मैजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं. कार्यपालन दण्डधिकारी महासमुंद दीनदयाल मंडावी को जांच अधिकारी नियुक्त कर एक माह के भीतर मैजिस्ट्रेट रिपोर्ट शासन को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं.

दो दिन पहले आधी रात को मारपीट के एक मामले में पीड़ितों की फरियाद लेकर विधायक विमल चोपड़ा स्थानीय थाने में पहुंचे थे. इस दौरान FIR दर्ज करने को लेकर कहासुनी हुई. विधायक के समर्थकों और पुलिस कर्मियों के बीच विवाद इतना बढ़ा कि मामला पहले पत्थरबाजी और फिर लाठीचार्ज तक पहुंच गया. थाने परिसर में धरने पर बैठे विधायक के समर्थकों पर पुलिस कर्मियों ने ताबड़तोड़ लाठियां बरसाई थी.

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इस घटना में समर्थकों पर तो डंडे बरसे ही लेकिन पीड़ितों की वकालत कर रहे विधायक विमल चोपड़ा को भी पुलिस कर्मियों ने जमकर पीटा. बुरी तरह से जख्मी विमल चोपड़ा को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहां उन्होंने डंडों से हुई पिटाई के निशान डॉक्टरों को दिखाए और अपनी मेडिकल रिपोर्ट तैयार कराई. विमल चोपड़ा ने पुलिस के आलाअफसरों और प्रशासन को लिखित शिकायत कर मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की. मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने मैजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं.

विधायक के शरीर पर कई जख्म

विधायक विमल चोपड़ा के शरीर पर कई जगह चोट के निशान झलक रहे हैं. सबसे ज्यादा डंडे उनकी पीठ और बाजुओं पर पड़े हैं. इसके अलावा पैर के निचले हिस्से और सिर पर भी चोट के निशान दिखाई दे रहे है. चुने हुए जनप्रतिनिधि और विधायक की इस तरह से हुई पिटाई को लेकर पुलिस प्रशासन सवालों के घेरे में है. बताया जाता है कि मौके पर मौजूद एक ट्रेनी आईपीएस अधिकारी ने अति उत्सुकतावश लाठी चार्ज के निर्देश पुलिस कर्मियों को दे दिए.

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अफसर का कहना मानकर पुलिस कर्मियों ने भी विधायक और उनके समर्थकों को दौड़ा-दौड़कर पीटा. आमतौर पर किसी संवेदनशील मामले या फिर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सीधा निर्देश मैजिस्ट्रेट द्वारा दिया जाता है. किसी पुलिसकर्मी या अफसर के द्वारा नहीं. यही नहीं लाठी चार्ज के पहले नियमानुसार भीड़ को खदेड़ने के लिए उन्हें सचेत किया जाता है और चेतावनी भी दी जाती है. लेकिन इस प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. दूसरी ओर पुलिस ने दावा किया है कि पथराव में उनके भी दर्जनभर जवान घायल हुए हैं.

विधायक विमल चोपड़ा ने किया इस्तीफे का ऐलान

महासमुंद से विधायक विमल चोपड़ा ने एक ट्रेनी आईपीएस अधिकारी, शहर के सीएसपी और दो सब इंस्पेक्टरों को तत्काल सस्पेंड करने की मांग की है. उन्होंने आरोप लगाया कि धरने पर बैठे उनके समर्थकों को पहले उकसाने और फिर उनके साथ मारपीट कर इन्होंने ही माहौल खराब किया था. उन्होंने ऐलान किया कि इन गैर-जिम्मेदार कार्रवाई नहीं की गई तो वे आगामी विधानसभा सत्र में इस्तीफा सौप देंगे. छत्तीसगढ़ विधानसभा का सत्र 2 अगस्त से शुरू हो रहा है.

ये है विवाद की वजह

दो दिन पहले महासमुंद के मिनी स्टेडियम का गेट कुछ स्थानीय लड़कों ने तोड़ दिया था. यह गेट खिलाडियों ने पैसे इकट्ठा कर बनवाया था.  गेट तोड़े जाने को लेकर स्टेडियम में मौजूद बैडमिंटन कोच और स्थानीय लड़कों के बीच मारपीट हो गई. घटना की सूचना पुलिस को दी गई. मौके पर पहुंचे सब इंस्पेक्टर ने कोच को कसूरवार मानते हुए उसे थाने ले आई. कोच थाने लाए जाने की सूचना जब विधायक विमल चोपड़ा को मिली तो उन्होंने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ पुलिस कोतवाली थाने में प्रदर्शन किया. इस दौरान पुलिस व विधायक समर्थकों के बीच विवाद काफी बढ़ गया.

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