Advertisement

कब्र से आती है आवाज़- जिंदा हूं मैं, मुझे बाहर निकालो

क्या आप विश्वास कर सकते हैं कि कब्र में दफ़्न मुर्दा गुनगुनाता है? आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि यूपी के मेरठ के एक गांव में कुछ ही ऐसा चल रहा है जिसने हड़कंप मचा रखा है. मामला ज़िला प्रशासन तक पहुंच चुका है. और हर कोई चर्चा कर रहा है कब्रिस्तान के उस रहस्य की.

इस मामले को लेकर पुलिस प्रशासन भी उलझन में है इस मामले को लेकर पुलिस प्रशासन भी उलझन में है
परवेज़ सागर
  • मेरठ,
  • 06 मई 2016,
  • अपडेटेड 7:47 AM IST

क्या आप विश्वास कर सकते हैं कि कब्र में दफ़्न मुर्दा गुनगुनाता है? आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि यूपी के मेरठ के एक गांव में कुछ ही ऐसा चल रहा है जिसने हड़कंप मचा रखा है. मामला ज़िला प्रशासन तक पहुंच चुका है. और हर कोई चर्चा कर रहा है कब्रिस्तान के उस रहस्य की.

कभी मुर्दे का गाना सुना है? कभी मुर्दे ने आपको पुकारा है? कभी देखा है ज़िंदा होते हुए किसी मुर्दे को? अगर नहीं तो फिर कौन दफ्न है उस कब्र में? जो मरने के बाद भी गुनगुनाता है. जो कब्र के अंदर से आवाज़ लगाता है. और कहता है कि ज़िंदा हूं मैं.

Advertisement

यह किसी की कल्पना नहीं है. यह सच्ची घटना है मेरठ के एक गांव की. जहां एक पिता ने ज़िला प्रशासन से गुहार लगाई है कि उसके बेटे की कब्र को खोदा जाए. क्योंकि वो रोज़ कब्र के अंदर से उन्हें आवाज़ देता है. यह मामला है मेरठ के गांव जलालपुर का.

जलालपुर गांव में इन दिनों लोगों के चेहरों की रौनक गायब है. उनकी आंखों से खौफ साफ झलक रहा है. हर वक्त किसी अनहोनी का डर लगा रहता है क्योंकि उनके गांव का एक मुर्दा सुबह शाम कब्र से आवाज़ें दे रहा है. लोग बताते हैं कि वो गुनगुनाता भी है.

दरअसल, वह कब्र है इरफान की. जिसकी 2 महीने पहले मौत हो चुकी है. लेकिन इरफान के घरवालों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से कब्र से इरफान की आवाज़ें सुनाई देती हैं. जिनमें वो कहता है ज़िंदा हूं मैं. मुझे बाहर निकालो.

Advertisement

इरफान का छोटा भाई दीन मुहम्मद बताता है कि मौत के बाद कुछ वक्त तक तो सब ठीक था. लेकिन एक रोज़ जब वह कब्र के पास से गुज़रा तो उसे कब्र से गुनगुनाने की आवाज़ सुनाई दी. पहले तो उसे यकीन नहीं हुआ लेकिन जब वह कब्र के पास पहुंचा तो उसके होश उड़ गए.

इरफान अच्छा ख़ासा स्वस्थ नौजवान था. अपने घर के साथ साथ गांव में भी सबका चहेता था. लेकिन अचानक उसे खून की उल्टियां आना शुरू हुईं और उसकी हालत बिगड़ती चली गई. 25 फरवरी को इरफान की मौत हो गई. इरफान की अचानक मौत से गांव वाले सकते में हैं. उनका मानना है कि ये सामान्य मौत नहीं, कुछ तो है जो रहस्य के पर्दे के पीछे दफ्न है.

दो गज़ ज़मीन के नीचे दफ्न हो चुके 32 साल के इरफ़ान को गाने का बहुत शौक था. और वो सबका लाड़ला था. एक दिन अचानक उसकी तबियत बिगड़ने लगी. घरवालों ने उसे कई जगह डॉक्टर्स को दिखाया. मगर उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ.

इसके बाद इरफान को खून की उल्टियां होने लगीं. सारी कोशिशें धरी की धरी रह गईं और इरफान चल बसा. गांव वालों को इरफान की मौत कुदरती नहीं लग रही थी. लेकिन बूढ़े पिता सबीरुद्दीन ने कलेज़े पर पत्थर रख कर बेटे को दो गज़ ज़मीन के नीचे दफ़्न कर दिया.

Advertisement

गांव के लोगों के लिए इरफान की मौत किसी सदमे से कम नहीं थी और उन्हें किसी अनहोनी का डर भी सता रहा था. लोगों का डर उस वक्त खौफ में बदल गया जब कब्र से गुनगुनाने की बात उन्हें पता चली. मन में तरह तरह के ख्याल आने लगे.

पिता सबीरुद्दीन के लिए जवान बेटे की मौत का ग़म किसी पहाड़ से कम नहीं था और अब कब्र से सुनाई देने वाली उसकी आवाज़ें बुरी तरह तोड़ रही हैं. अब इरफान का परिवार चाहता है कि प्रशासन उनकी मदद करे ताकि वो कब्र खोदकर अपने बेटे के सच को बाहर ला सकें.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement