
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में एक पूर्व सरपंच और कांग्रेस नेता की पुलिस का मुखबिर होने के संदेह में नक्सलियों ने हत्या कर दी. इस वारदात के बाद कांग्रेस ने राज्य सरकार पर बस्तर जिले में विपक्षी दल के नेताओं को सुरक्षा मुहैया कराने में असफल रहने का आरोप लगाया है. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.
पुलिस अधीक्षक कामलोचन कश्यप ने बताया कि 55 वर्षीय छन्नूराम मंडावी चोलनार गांव के पूर्व संरपंच थे. उनकी बीती रात किरंदुल पुलिस थाना क्षेत्र में उनके घर पर तेज धार वाले हथियारों से हमला कर हत्या कर दी गयी. पूर्व सरपंच के घर पर करीब 24 सशस्त्र नक्सलियों ने धावा बोला और सोते समय उनका गला काट दिया.
सूचना मिलने पर वहां पहुंची पुलिस ने सुबह शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है. घटना स्थल से कुछ पर्चे मिले हैं, जिनमें मंडावी को पुलिस का मुखबिर बताया गया है. हमलावरों की तलाश की जा रही है. मंडावी को दंतेवाड़ा में साल 2010 मे कांग्रेस नेता अवधेश गौतम के मकान पर हमला करने के केस में गिरफ्तार किया गया था.
इस घटना में गौतम के परिवार का एक सदस्य और एक कर्मचारी मारे गए थे. इस मामले में बाद में मंडावी बरी हो गये थे. मंडावी फिलहाल दंतेवाड़ा जिले में कांग्रेस किसान मोर्चा के अध्यक्ष थे. वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता महेंद्र कर्मा के बेहद करीबी माने जाते थे. 25 मई, 2013 में नक्सली हमले में कर्मा की हत्या कर दी गयी थी.
इस बीच प्रदेश कांग्रेस प्रमुख भूपेश बागले ने छत्तीसगढ़ सरकार पर आरोप लगाया है कि वह जान-बूझकर बस्तर क्षेत्र में कांग्रेस नेताओं को समुचित सुरक्षा मुहैया नहीं करा रही है. उन्होंने कहा कि ऐसी सूचना थी कि मंडावी नक्सलियों के निशाने पर थे. उन्हें धमकियां भी मिली थीं. इसके बावजूद उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई.