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PMO का अफसर बताकर फर्जीवाड़ा करने वाला शख्स गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जो खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऑफिस में तैनात अफसर बताता और सरकारी विभागों से अपना काम करवाता था. खुद को कन्हैया कुमार उर्फ डॉ. के के बताना वाला यह शख्स अपने साथ बाकायदा एक विजिटिंग कार्ड लेकर चलाता था, जिसमें उसका परिचय और पीएमओ का पता लिखा हुआ है.

कन्हैया कुमार उर्फ डॉ. के के (दाएं) कन्हैया कुमार उर्फ डॉ. के के (दाएं)
मुकेश कुमार/अरविंद ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 01 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 9:11 AM IST

दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जो खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऑफिस में तैनात अफसर बताता और सरकारी विभागों से अपना काम करवाता था. खुद को कन्हैया कुमार उर्फ डॉ. के के बताना वाला यह शख्स अपने साथ बाकायदा एक विजिटिंग कार्ड लेकर चलाता था, जिसमें उसका परिचय और पीएमओ का पता लिखा हुआ है.

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जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय सतर्कता आयुक्त से मिलकर कन्हैया कुमार किसी शख्स की पोस्टिंग के लिए दबाव बना रहा था. उसने आयुक्त को अपना विजिटिंग कार्ड दिया, जिसमें उसका परिचय बतौर डायरेक्टर, पीएमओ दिया हुआ है. इतना ही नहीं पीएमओ के कमरा नंबर 152 में उसने अपना केबिन बताया. सतर्कता आयुक्त को आरोपी के व्यवहार पर शक हुआ.

उन्होंने तुरंत दिल्ली पुलिस को सूचित किया. पुलिस ने जांच के बाद आरोपी को हिरासत में ले लिया. पूछताछ में पता चला कि कन्हैया कुमार उर्फ डॉ. के के खुद को पीएमओ का डायरेक्टर बताकर सरकारी विभागों से अपना काम निकलवाता था. वह जिस एसयूवी गाड़ी से चलता है, उस पर भारत सरकार का स्टिकर लगा हुआ है. पुलिस पूछताछ कर रही है.

पुलिस ने बताया कि 20 सितंबर को कन्हैया कुमार नामक शख्स ने मुख्य सतर्कता आयुक्त को फोन कर बताया कि वह पीएमओ में डायरेक्टर है, उनसे मिलना चाहता है. उन्होंने उसे उसी दिन दोपहर को मिलने के लिए बुला लिया. आरोपी सतर्कता आयुक्त से मिलने के लिए एक शख्स के साथ पहुंचा और अपना विजिटिंग कार्ड उनके ऑफिस में भेज दिया.

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बताया जा रहा है कि उस विजिटिंग कार्ड पर उसने अपने ऑफिस का पता 152, साउथ ब्लॉक, रायसीना हिल्स दिया था. उसे मुख्य सतर्कता आयुक्त से अपने साथ आए शख्स के लिए अच्छी पोस्टिंग देने की बात कही. इस पर मुख्य सतर्कता अधिकारी ने कहा कि वे पोस्टिंग कराने का काम नहीं करते हैं, इसके लिए कमेटी बनी हुई है, वही ये काम देखती है.

इसके बाद दोनों शख्स वहां से चले गए. लेकिन मुख्य सतर्कता आयुक्त को उनके व्यवहार से उन पर शक हुआ. उन्होंने अपने निजी सचिव से उनके बारे में पता करने के लिए कह दिया. उनके सचिव ने पीएमओ फोन करके कन्हैया कुमार नामक डायरेक्टर के बारे में जानकारी मांगी, तो पता चला कि ऐसा कोई है ही नहीं. इस पर उन्होंने केस दर्ज करा दिया.

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