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फर्जी RT PCR रिपोर्ट तैयार कर लोगों से पैसे ऐंठने वाले गैंग का पर्दाफाश, तीन लोग गिरफ्तार

पीड़ित ने बताया कि 21 अप्रैल को उसने परिवार के 6 सदस्यों का COVID-19 टेस्ट करने के लिए एक शख्स को बुलाया था. पीड़ित ने कोरोना जांच के लिए 6 लोगों का सैंपल दिया और साथ में 9000 रुपये भी दिए. 4 दिन बीत जाने के बाद भी पीड़ित को  COVID टेस्ट रिपोर्ट नहीं दी गई,

RT PCR रिपोर्ट के नाम पर करता था ठगी (फोटो- आजतक) RT PCR रिपोर्ट के नाम पर करता था ठगी (फोटो- आजतक)
अरविंद ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 19 मई 2021,
  • अपडेटेड 2:13 AM IST
  • शाहदरा इलाके में RT PCR रिपोर्ट के नाम पर होती थी ठगी
  • दिल्ली पुलिस ने रैकेट का किया पर्दाफाश
  • नकली रिपोर्ट देकर लोगों से ऐंठता था पैसे

दिल्ली के शाहदरा इलाके की पुलिस ने नकली आरटी पीसीआर रिपोर्ट तैयार कर आम लोगों से पैसे ऐंठने वाले  रैकेट का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. ये आरोपी लैब के नाम से फर्जी बिल और रिपोर्ट बनाते थे, इनके पास से पुलिस ने एक लैपटॉप और तीन मोबाइल फोन बरामद किया है. पुलिस के मुताबिक 5 मई को  शाहदरा थाने में आरटी पीसीआर टेस्ट की फर्जी रिपोर्ट मिलने के मामले में एक पीसीआर कॉल मिली थी.

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पीड़ित ने बताया कि 21 अप्रैल को उसने परिवार के 6 सदस्यों का COVID-19 टेस्ट करने के लिए एक शख्स को बुलाया था. पीड़ित ने कोरोना जांच के लिए 6 लोगों का सैंपल दिया और साथ में 9000 रुपये भी दिए. 4 दिन बीत जाने के बाद भी पीड़ित को  COVID टेस्ट रिपोर्ट नहीं दी गई, लिहाजा पीड़ित ने सैंपल लेने वाले शख्स को कॉन्टेक्ट किया. सैंपल लेने वाले शख्स ने दावा किया कि एक या दो दिन में रिपोर्ट भेज दी जाएगी.

इसके बाद पीड़ित को उसकी नेगेटिव रिपोर्ट 28 अप्रैल को उसके व्हाट्सएप पर मिली. रिपोर्ट में सैंपल लेने की तारीख गलत थी जिसके चलते पीड़ित को शक हुआ तो वो पास के लैब में पहुंचा. जहां उसे पता चला कि जो कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट उसे मिली है वह फर्जी है.

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पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. जांच के दौरान मोबाइल नंबर की डिटेल और मुखबिरों से जानकारी के आधार पर एक शख्स को पकड़ा गया है. उस शख्स ने अपना नाम सनी बताया, सनी ही पीड़ित के घर सैंपल लेने आया था. सनी ने अपने अन्य साथियों- जितेंद्र और सुनील की जानकारी दी, जिन्हें रेड कर गिरफ्तार कर लिया गया है. 

और पढ़ें- यूपी सरकार के मंत्री विजय कश्यप का निधन, 29 अप्रैल को कोरोना होने पर हुए थे एडमिट

पूछताछ के दौरान आरोपी सनी सिंह ने खुलासा किया कि वह एक लैब के लिए कोविड सैंपल कलेक्ट करता था. 21 अप्रैल को उसके दोस्त जितेंद्र ने पीड़ित के घर सैंपल लेने के लिए जाने को कहा था. उसने वहां पहुंचकर पीड़ित के परिवार के छह लोगों के कोविड-19 के  सैंपल लिए करीब  9000 रुपये लिए. सनी ने पैसे लैब में देने के बजाए अपने दोस्त जितेंद्र को ट्रांसफर कर दिए और जब पीड़ित ने रिपोर्ट की मांग की तो आरोपी जितेंद्र ने एक नकली कोविड -19 नेगेटिव रिपोर्ट बनाकर सनी को भेज दी, जिसने आगे शिकायतकर्ता को दे दिया.

जब शिकायतकर्ता ने रिपोर्ट की जांच की तो उसे शक हुआ और जब लैब से रिपोर्ट को चेक करवाया गया तो लैब ने साफ कर दिया कि रिपोर्ट उन्होंने तैयार नहीं की. उनके पास जो रिपोर्ट है वह नकली है. 

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पुलिस पूछताछ में पता चला है कि इन लोगों ने इस तरह दिल्ली के कई इलाकों में लोगों को फर्जी कोरोना रिपोर्ट देकर पैसे ठगे हैं. उन सभी पीड़ितों से पुलिस सम्पर्क करने की कोशिश कर रही है. 

 

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