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दिल्लीः मंत्रियों-अफसरों को ब्लैकमेल करने में दो अरेस्ट, रिजिजू का कर चुके हैं स्टिंग

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दो ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है, जो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और बीजेपी नेता राम माधव के पीए बनकर नेताओं, मंत्रियों और प्रशासनिक अधिकारियों से जबरन उगाही करते थे. बीजेपी नेता की शिकायत के बाद पुलिस ने दोनों पर शिकंजा कसते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया.

नेताओं के पीए बनकर करते थे ठगी नेताओं के पीए बनकर करते थे ठगी
तनसीम हैदर
  • नई दिल्ली,
  • 27 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 6:54 PM IST

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दो ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया है, जो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और बीजेपी नेता राम माधव के पीए बनकर नेताओं, मंत्रियों और प्रशासनिक अधिकारियों से जबरन उगाही करते थे. बीजेपी नेता की शिकायत के बाद पुलिस ने दोनों पर शिकंजा कसते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया.

क्राइम ब्रांच की गिरफ्त में आने वाले आरोपियों के नाम संजय तिवारी उजाला और गौरव है. दोनों आरोपियों ने नार्थ-ईस्ट से लेकर उत्तर भारत तक ठगी के गोरखधंधे की कमान संभाली हुई थी. दरअसल साल 2007 में संजय तिवारी उजाला ने सांसद कोटे का फंड लूटने की नीयत से एक वेबसाइट तैयार की, जिसके लिए उसने नार्थ-ईस्ट के कई सांसदों और नेताओं के स्टिंग ऑपरेशन किए थे.

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इस मामले में संजय तिवारी को गिरफ्तार किया गया था. दरअसल नार्थ-ईस्ट के इन नेताओं में वर्तमान केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू का भी नाम शामिल था. कथित स्टिंग में किरेन रिजिजू एक आदमी से बातचीत करते हुए दिखाई दे रहे हैं. संजय ने अप्रैल, 2016 में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू के स्टिंग का एक हिस्सा यूट्यूब पर अपलोड कर दिया था.

संजय तिवारी का रह चुका है क्रिमिनल रिकॉर्ड
संजय ने ठगी के इस धंधे में अपने साथ गौरव को भी शामिल कर लिया था. दोनों आरोपी ब्लैकमेलिंग और जबरन उगाही के कई मामलों में शामिल रहे हैं. पुलिस के मुताबिक, संजय तिवारी का क्रिमिनल रिकॉर्ड रहा है. साल 2009 में तिवारी ने जबरन उगाही के लिए बीएसपी के एक सांसद का भी स्टिंग ऑपरेशन किया था.

झारखंड के मंत्री को उगाही के लिए किया था कॉल
खुलासा हुआ है कि हाल ही में दोनों आरोपियों ने झारखंड के एक मंत्री को भी अपना शिकार बनाने की नीयत से कॉल की थी. साल 2011 में संजय तिवारी ने नार्थ-ईस्ट और झारखंड के कई सांसदों से जबरन उगाही कर रुपये ऐंठे थे. दोनों आरोपी राजनेताओं के पीए और सेक्रेटरी के नाम पर कथित लोगों को फोन किया करते थे.

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आरएसएस के नाम पर भी ऐंठते थे रकम
पुलिस की मानें तो दोनों आरएसएस के नाम पर भी कई नेताओं, प्रशासनिक अधिकारियों तक से मोटी रकम ऐंठ चुके हैं. संजय तिवारी को आखिरी बार अक्टूबर, 2016 में ठगी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. पुलिस के मुताबिक, संजय तिवारी ने आरएसएस के एक हवन कार्यक्रम के नाम पर बीजेपी के पूर्व विधायक से रुपयों की मांग की थी.

संजय तिवारी पर दर्ज हैं 11 मुकदमे
बताते चलें कि धोखाधड़ी, जबरन उगाही समेत कई मामलो में संजय तिवारी पर कुल 11 मुकदमे दर्ज हैं. फिलहाल पुलिस दोनों आरोपियों से पूछताछ कर उनकी ठगी के धंधों की फेहरिस्त तैयार कर रही है.

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