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CRIME CAPSULE: अवैध हिरासत केस में पंजाब के DGP पर लगा जुर्माना

जुर्म की ऐसी खबरें जो रोंगटे खड़ी कर देंगी. दिल्ली और आसपास के इलाकों में घटी बड़ी आपराधिक घटनाओं की खबरें विस्तार से.

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तनसीम हैदर/शरत कुमार/मनजीत सहगल/आशुतोष कुमार मौर्य
  • जयपुर/गाजियाबाद/चंडीगढ़,
  • 20 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 4:57 PM IST

जुर्म की ऐसी खबरें जो रोंगटे खड़ी कर देंगी. दिल्ली और आसपास के इलाकों में घटी बड़ी आपराधिक घटनाओं की खबरें विस्तार से.

पंजाब: DGP पर कोर्ट ने लगाया जुर्माना

पंजाब के बाघापुराना क्षेत्र के एक युवक को अवैध हिरासत में रखने के मामले में अदालत के आदेश के बावजूद शपथ पत्र दायर करने में नाकाम रहे पंजाब पुलिस प्रमुख डीजीपी सुरेश अरोड़ा पर अदालत ने 25000 रुपये का जुर्माना लगाया है.

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गौरतलब है कि पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने 22 मई 2018 को डीजीपी सुरेश अरोड़ा को बाघापुराना क्षेत्र से संबंध रखने वाले एक व्यक्ति को अवैध रूप से हिरासत में रखने के मामले में शपथ पत्र दायर करने को कहा था. लेकिन गुरुवार को जब अदालत में हलफनामा नहीं पेश किया गया तो जस्टिस दया चौधरी ने डीजीपी पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि क्यों ना डीजीपी को ही अदालत में बुलाया जाए.

बता दें कि अवैध हिरासत मामले में दो पुलिस अधिकारियों पर गंभीर आरोप हैं. याचिकाकर्ता बेअंत सिंह के मुताबिक पंजाब की बाघापुराना पुलिस के अफसरों ने उसे 4 फरवरी को हिरासत में लिया था जबकि उसके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं था.

पीड़ित बेअंत सिंह ने पुलिस के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया तो कोर्ट ने सत्यता जानने के लिए एक वारंट अधिकारी की नियुक्ति कर दी. वारंट अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि बेअंत सिंह को अवैध तरीके से हिरासत में रखा गया, क्योंकि उसके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं था.

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वारंट ऑफिसर की रिपोर्ट मिलने पर हाईकोर्ट ने मोगा के विवादित SSP राज जीत सिंह को इस मामले पर हलफनामा दायर करने के आदेश दिए थे. लेकिन राज जीत सिंह ने वारंट ऑफिसर की रिपोर्ट के खिलाफ जवाब दिया, जिससे नाराज हाईकोर्ट ने डीजीपी से हलफनामा मांगा था.

पीड़ित युवक बेअंत सिंह का आरोप है मोगा पुलिस ने उसे एनकाउंटर करने और झूठे मामले में फंसाने की धमकी दी थी. पीड़ित ने दो पुलिस अधिकारियों नवदीप सिंह गिल और जगजीत सिंह के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है. इस मामले की अगली सुनवाई 13 अगस्त को होगी.

गाजियाबाद: जग्गू पहलवान गिरोह का शातिर शूटर गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश पुलिस ने देश की राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में जग्गू पहलवान गिरोह एक शातिर गैंगस्टर को गिरफ्तार किया है. खुलेआम 100 हत्याओं का जुर्म स्वीकार करने वाला कुख्यात गैंगस्टर जग्गू पहलवान तो कुछ साल पहले गैंगवार में मारा गया था, लेकिन उसकी गैंग का शातिर शूटर कपिल अब तक फरार चल रहा था. आखिरकार यूपी पुलिस ने गुरुवार को कपिल को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल कर ली.

पुलिस ने बताया कि कपिल ने कुछ ही दिन पहले 1 जुलाई को बिना किसी वजह के दो लोगों को गोली मार दी थी, जिसमें से एक की मौत हो गई थी. बताया जाता है कि बाइक से जा रहे कपिल को यह बात नागवार गुजरी थी कि बागपत के प्रधान जितेंद्र की गाड़ी उसकी बाइक से आगे कैसे निकल गई.

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बस कपिल ने जितेंद्र की गाड़ी को ओवरटेक किया और जितेंद्र के अलावा गाड़ी में बैठे ज्ञानेंद्र को भी गोली मार दी. जितेंद्र की मौत हो गई, जबकि ज्ञानेंद्र का अभी भी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है. पुलिस का कहना है कि कपिल पर पहले भी कई संगीन आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं.

जयपुर: SHO की संदिग्ध मौत, घर में बेड पर पड़ी मिली लाश

राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक पुलिस अधिकारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला सामने आया है. जयपुर के शाहपुरा थाने में तैनात SHO वीरेंद्र सिंह राठौड़ गुरुवार की रात अपने कमरे में मृत पाए गए. उनका शव बेड पर पड़ा था और उनका सर्विस रिवाल्वर भी पास ही पड़ा था. वीरेंद्र राठौड़ की कनपटी पर गोली लगी थी.

मौका ए वारदात की स्थितियां तो आत्महत्या का संकेत दे रही हैं, हालांकि पुलिस अभी इस बात की जांच कर रही है कि यह मामला वास्तव में आत्महत्या का है या हत्या का. वीरेंद्र राठौड़ का शव सबसे पहले थाने के रसोइये ने देखा.

उसने बताया कि गुरुवार रात करीब 9:00 बजे वह वीरेंद्र राठौड़ से खाने के लिए पूछने के लिए क्वार्टर पहुंचा था. लेकिन जब वह कमरे में पहुंचा तो वहां बेड पर खून में लथपथ वीरेंद्र राठौड़ की लाश पड़ी देखी.

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वीरेन्द्र सिंह राठौर डेढ़ साल से शाहपुरा थाने में नियुक्त थे. राजस्थान के पुष्कर में नंदगांव के रहने वाले थे. उनकी 13 साल की बेटी है, जो जयपुर में पढ़ाई करती है. पुलिस सूत्रों के अनुसार कुछ दिनों से वीरेंद्र राठौड़ पारिवारिक वजहों से परेशान चल रहे थे. इसलिए यह आत्महत्या का मामला हो सकता है.

जयपुर: सबकी नजरों में थे चोर, फिर भी हो गई चोरी

राजस्थान के जयपुर में चोरी का एक अजीबोगरीब वाकया सामने आया है. पूरे इलाके के लोगों को पता था कि इलाके में चोर मौजूद हैं, इसके बावजूद चोर अपने मकसद में सफल हो गए. जिस घर में चोरी हुई, उसके सदस्यों को गुरुवार की रात करीब 11:00 बजे घर के पोर्च में चोर दिखाई पड़ गए थे.

मकान मालिक केके गुप्ता ने बताया कि उन्होंने संदिग्धों को रोका तो सॉरी अंकल कह चोर वहां से भाग गए. केके गुप्ता ने कॉलोनी के सचिव और अध्यक्ष को इसकी सूचना भी दी और 100 नंबर डायल कर पुलिस को भी बुलाया.

लेकिन पुलिस यह बहाना कर नहीं आई कि अभी उनके पास 2 केस और हैं, जिसे निपटाकर ही वे आ पाएंगे. इसके बाद एसएचओ सुरेंद्र यादव को भी फोन किया गया, मगर उनका फोन बंद मिला. फिर मोहल्ले के लोग खुद चोरों को ढूंढने गलियों में निकल पड़े.

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इस बीच काफी रात हो गई और रात 2:30 बजे बिजली भी गुल हो गई. मकान मालिक का आरोप है कि बिजली जाते ही नौकरानी ने चुपके से घर का दरवाजा खोल दिया और चोर घर में घुस आए. घर में घुसे चोर करीब डेढ़ घंटे तक घर के अंदर महंगे सामान लूटते रहे.

फिर अलसुबह 5:15 बजे चोर घर से लूटपाट कर घर के मालिक की कार चुराकर भाग खड़े हुए. इतना ही नहीं, चोर केके गुप्ता की 10 माह की पोती को भी साथ ले जाना चाह रहे थे. लेकिन जैसे ही बदमाशों ने बच्ची को उठाने की कोशिश की बच्ची की दादी चंद्रकांता उनसे भीड़ गईं और बोली कि उसको छुआ तो या तो मैं मरूंगी तू मरेगा . मेरी पोती की तरफ देखना भी मत.

नौकरानी ने चोरों के साथ मिलकर सभी को साड़ी से पलंग में बांध दिया था.

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