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मेडिकल कॉलेज में बंदरिया से क्रूरता, बांधकर निकालीं आंतें, शव जमीन में गाड़ा

बेजुबान जानवर पर इंसान की क्रूरता का एक और दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. वेल्लोर के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज से जुड़े इस मामले में एक बंदरिया को क्रूरता से मार कर जमीन में गाड़ दिया गया.

पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है
खुशदीप सहगल/प्रमोद माधव
  • वेल्लोर,
  • 24 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 4:33 PM IST

बेजुबान जानवर पर इंसान की क्रूरता का एक और दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. वेल्लोर के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज से जुड़े इस मामले में एक बंदरिया को क्रूरता से मार कर जमीन में गाड़ दिया गया.

पशुओं के कल्याण के लिए काम करने वाले कार्यकर्ता सर्वानन कृष्णन ने फेसबुक पर इस घटना का फोटो के साथ उल्लेख किया है. बंदरिया पर कैसा अत्याचार बरपाया गया ये इसी से पता चलता है कि उसके हाथ बांधने के साथ उसकी आंतें भी निकाल ली गईं.

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कृष्णन ने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि बंदरिया के हाथ बांधने के बाद उसे लाठी और बेल्ट से बुरी तरह पीटा गया. बंदरिया के पैर, जबाड़ा तोड़ने के साथ राड मलद्वार में डाल कर उसकी हत्या कर दी गई.

क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज के छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. उन पर आईपीसी की धारा 429 और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत केस दर्ज किया गया है. बंदरिया के क्षतविक्षत शव को जमीन से निकाल कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है.

हैरान कर देने वाली इस घटना को लेकर कॉलेज प्रबंधन ने सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है. कृष्णन ने कहा- 'जिस तरह की क्रूरता और पीड़ा का बंदरिया को सामना करना पड़ा, उसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता. उसका शव देखने के बाद से हम बहुत व्यथित है. कई रात से सो नहीं पा रहे.'

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19 नवंबर की इस घटना के बारे में कहा गया है कि कुछ छात्रों ने सफाईकर्मियों को बंदरिया को जमीन में गाड़ते देखा और इसकी सूचना पशु कल्याण कार्यकर्ताओं को दे दी. सर्वानन कृष्णन अपने साथियों के साथ मौके पर पहुंचे और बंदरिया के शव को निकाल कर ओटोप्सी के लिए भेजा.

बता दें कि मेडिकल छात्रों की ओर से जानवरों पर क्रूरता का ये दूसरा मामला सामने आया है. कुछ महीने पहले एक ऐसा वीडियो सामने आया था जिसमें चेन्नई में एक बहुमंजिली इमारत की छत से कुत्ते को नीचे फेंकते देखा जा सकता था. पशु कल्याण कार्यकर्ताओं का कहना है कि पशुओं के खिलाफ क्रूरता बरतने पर देश में सख्त सजा का प्रावधान नहीं है. जब तक इस मामले में सख्त कानून नहीं बनता, पशुओं पर इस तरह के अपराध होते रहेंगे.

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