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दिल्ली में 105 ‘गेस्ट हाउस’ के एनओसी रद्द, एमसीडी ने मांगी लिस्ट

फायर विभाग की मुहिम में कुल 145 गेस्ट हाउस का निरीक्षण किया गया जिनमें से 105 के एनओसी को सस्पेंड किया गया है. अर्पित होटल में आग के बाद यह बड़ी कार्रवाई है.

अर्पित होटल (ANI) अर्पित होटल (ANI)
aajtak.in/राम किंकर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 19 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 3:46 AM IST

पहाड़गंज और करोलबाग में करीब 105 होटलों का एनओसी दिल्ली फायर विभाग ने रद्द कर दिया है. ये अर्पित होटल के जैसे ही बतौर गेस्ट हाउस रजिस्टर्ड थे लेकिन इनसे होटलों का काम लिया जा रहा था. दिल्ली फायर विभाग की एक मुहिम में पाया गया कि ये सभी फायर फाइटिंग के उपकरण लगा तो लेते हैं लेकिन उनका मेंटेनेंस नहीं करते. यही वजह है कि इमरजेंसी के समय आग बुझाने के लिए ये मशीनें नहीं चल पातीं और हादसा बड़ा हो जाता है.

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डिप्टी चीफ फायर ऑफिसर सुनील चौधरी ने बताया कि, 'फायर विभाग हर तीन साल में इंसपेक्शन करता है उससे पहले नहीं. तब तक मशीनें बिना मेंटनेंस के खराब हो जाती हैं, ये रोज नहीं चेक की जा सकती. 12-13 फरवरी की दरम्यानी रात को करोलबाग के अर्पित होटल की आग में 17 लोगों की मौत के बाद फायर विभाग की मुहिम में कुल 145 गेस्ट हाउस का निरीक्षण किया गया जिनमें से 105 के एनओसी को सस्पेंड किया गया है. ये सभी गेस्ट हाउस हैं.

गेस्ट हाउस को होटल में तब्दील करने का ये खेल काफी पुराना है. ये सभी रजिस्टर्स गेस्ट हाउस हैं जिनका अर्पित होटल जैसा नाम रख दिया जाता है. एमसीडी के एक अधिकारी ने बताया कि एमसीडी में ‘सराय एक्ट’ के तहत गेस्ट हाउस रजिस्टर्ड होता है, पुराने समय में जैसे धर्मशाला में रात के वक्त रुक जाते थे. इसमें खाना खुद बनाने की मनाही होती थी. तभी से किसी भी गेस्ट हाउस में कैंटीन या रेस्टोरेंट चलाने की इजाजत नहीं है. पर ये अवैध तरीके से कैंटीन, रेस्टोरेंट चलाते हैं. सराय एक्ट के तहत ही एमसीडी इनको रजिस्टर करती है.

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आपको बता दें कि फायर विभाग लाइसेंसिंस अथॉरिटी नहीं है. वो सिर्फ एडवाइजरी बॉडी है. दमकल जिसे भी एनओसी देता है उसे एमसीडी लाइसेंस दे देती है. लाइसेंस सस्पेंड करने का काम एमसीडी का है. एमसीडी ने अभी तक लाइसेंस सस्पेंड नहीं किए है. एमसीडी ने दिल्ली फायर विभाग से इन 105 होटलों/गेस्ट हाउसों की लिस्ट मांगी है. मुमकिन है ये सभी बंद हो जाएंगे.

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