
ढोंगी बाबाओं की फेहरिश्त में शामिल हुआ वीरेंद्र देव दिक्षित की कैद से 5 और नाबालिग लड़कियों को मुक्त करा लिया गया. आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के नाम पर अय्याशी का अड्डा चलाने वाले बाबा के उत्तम नगर स्थित आश्रम से इन पीड़िताओं को आजादी दिलाई गई.
दिल्ली पुलिस के साथ पहुंची DCW और CWC की टीम ने पांचों नाबालिगों को कार में सुरक्षित जगह पहुंचाया. एक दिन पहले ही बाबा के इस नए ऐशगाह का पर्दाफाश हुआ था. उत्तम नगर में बाबा ने आध्यात्मिक ईश्वरीय विश्वविद्यालय के नाम से यह आश्रम खोल रखा था.
शुक्रवार को छापेमारी के दौरान पता चला कि 200 गज के इस मकान में अय्याश बाबा ने 21 महिलाओं को कैद रखा था, जिनमें मुक्त कराई गईं 5 नाबालिग लड़कियां भी शामिल थीं. इस आश्रम में रखी गईं ज्यादातर महिलाओं की तबीयत खराब है और उनका अलग-अलग अस्पतालों में उपचार चल रहा है.
DCW की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने बताया कि बाबा के मोहन गार्डन स्थित आश्रम से 5 नाबालिग लड़कियों को मुक्त कराया गया है. उन्होंने बताया कि यहां भी विजय विहार के आश्रम की तरह ही महिलाओं और लड़कियों को कैद कर रखा गया था. आस-पास के लोगों ने बताया कि शुक्रवार की शाम छापेमारी से पहले सुबह ही आश्रम से कई लड़कियों को हटा दिया गया था. उन्होंने यह भी बताया कि आश्रम के अंदर से अक्सर महिलाओं के रोने की आवाजें आती थीं.
गौरतलब है कि रोहिणी के विजय विहार इलाके में स्थित आध्यात्मिक विश्वविद्यालय पर छापेमारी के दौरान 41 महिलाओं को मुक्त कराया गया था. हाई कोर्ट में पेश की गईं इन महिलाओं ने जब अपनी आपबीती सुनाई और DCW की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने आश्रमों की स्थिति बताई तो हाई कोर्ट ने ढोंगी बाबा के सभी आश्रमों पर छापेमारी का आदेश दिया. अब हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक DCW की टीम बाबा के सभी ठिकानों का पता लगाने में जुट गई है.
उत्तम नगर का आश्रम भी पूरी तरह से बंद करके रखा गया था. किसी को भी ऊपर जाने की अनुमति नहीं दी जाती थी. वहीं इस आश्रम को मेडिकल सेंटर के रूप में चलाया जा रहा था, जहां विजय विहार और अन्य 6 आश्रमों से बीमार महिलाओं को यहां लाया जाता था.
उत्तम नगर के इस आश्रम से भी बड़ी मात्रा में दवाइयां और अश्लील किताबें बरामद की गईं. पुलिस ने बरामद सारी सामग्री जब्त कर जांच शुरू कर दी है. उत्तम नगर के आश्रम को पुलिस ने सील कर दिया और बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनाती कर दिया गया था.
अय्याश बाबा वीरेंद्र देव दिक्षित के इस आश्रम का संचालन गुरुमूर्ति नारायण करता था. इमारत के ग्राउंड और पहली मंजिल पर गुरुमूर्ति, उनका पुत्र सत्यनारायण और उसकी पत्नी रहती थी. गुरुमूर्ति का पूरा परिवार वीरेंद्र देव का भक्त है. इसी मकान की ऊपरी दो मंजिलें गुरुमूर्ति ने आश्रम को दान दे रखी थीं, जिसमें 21 महिलाएं अभी भी कैद हैं.
गुरुमूर्ती के अनुसार, उन्होंने 2010 में यह मकान आश्रम को दान दिया था, जिसके बाद से वह कभी ऊपर नहीं गया. क्योंकि वीरेंद्र देव का कहना था कि ऊपर रह रही महिलाओं पर किसी की भी छाया पड़ जाएगी, तो वे अपवित्र हो जाएंगी.
फिलहाल DCW और CWC की टीमों ने आश्रम में कैद महिलओं से पूछताछ की, लेकिन कोई भी अपने घर-परिवार के बारे में कुछ भी बातने में समर्थ नहीं थी. वहीं जब आश्रम की देख-रेख करने वाले गुरुमूर्ति से इस बारे में पूछा गया तो उनके पास किसी भी महिला का कोई रिकार्ड मौजूद नहीं मिला.