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दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़े 2 संदिग्ध आतंकी, 2 पिस्टल बरामद

स्पेशल सेल डीसीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा ने बताया कि ये दोनों यूपी के अमरोहा से हथियार लेकर जा रहे थे. इन दोनों का संबंध कश्मीर में आईएसजेके नामक ग्रुप से है.

पुलिस पकड़े गए दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है पुलिस पकड़े गए दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है
परवेज़ सागर/हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 07 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 7:45 PM IST

दिल्ली पुलिस ने पुरानी दिल्ली से दो संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया है. जिनके पास से पुलिस ने 2 पिस्टल, 10 कारतूस और 4 मोबाइल फोन बरामद किए हैं. पुलिस दोनों से पूछताछ कर रही है.

बीती रात करीब 10 बजकर 45 मिनट पर जामा मस्जिद के पास बस स्टैण्ड से पुलिस ने उस वक्त दो संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया, जब वे दोनों जम्मू जाने वाली बस में सवार होने वाले थे. पकड़े गए आरोपियों की पहचान 24 वर्षीय परवेज अहमद और 19 वर्षीय जमशेद के रूप में हुई है.

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स्पेशल सेल डीसीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा ने बताया कि ये दोनों यूपी के अमरोहा से हथियार लेकर जा रहे थे. इन दोनों का संबंध कश्मीर में आईएसजेके नामक ग्रुप से है.

DCP ने बताया कि परवेज का भाई फ़िरदौस भी आतंकी था, जो शोपियां में एक एनकाउंटर के दौरान मारा गया था. अपने भाई को देखकर ही इसने आतंक का रास्ता अपनाया. परवेज ने ने बीटेक किया है और अब वो एमटेक कर रहा था. पकड़े गए दोनों संदिग्ध शोपियां रंगपुरा गांव के रहने वाले हैं.

दरअसल, पुलिस को गुप्त सूत्रों से जानकारी मिली थी कि 6 सितम्बर को दो आतंकी रात 11 बजे के करीब लाल किले के पास से कश्मीर के लिए बस पकड़ने वाले हैं. जिसके बाद पुलिस ने वहां पर जाल बिछा दिया और रात के वक्त जैसे ही दोनों वहां पहुंचे. पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया. तलाशी लेने पर उनके पास से 2 पिस्टल, 10 जिंदा कारतूस और चार मोबाइल फोन बरामद हुए.

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पूछताछ में दोनों ने बताया कि वो दोनों इस्लामिक स्टेट जम्मू कश्मीर के लिए काम करते हैं. दोनों पहले भी यूपी के अमरोहा से हथियार लेकर कश्मीर जा चुके हैं. वे दोनों आईएसजेके के आमीर उमर इब्न नाजिर और आदिल ठोकेर के आदेश पर काम करते हैं. इन्हें पैसे उमर इब्न नाजिर मुहैय्या कराता था.

जांच में पता लगा कि परवेज का भाई फिरदौस अहमद लोन सितम्बर 2016 में आतंकी संगठन में भर्ती हुआ था. पहले फिरदौस हिजबुल मुजाहिदीन में था, बाद में इसने आईएसजेके ज्वाइन कर लिया था. इसी साल 24 जनवरी को सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में फिरदौस मारा गया था. फिरदौस पर तीन लाख का इनाम घोषित था.

पुलिस के मुताबिक भाई की मौत के बाद परवेज ने आतंक का रास्ता चुना. परवेज राशिद ने 2016 में अपनी सिविल इंजीनियरिंग पूरी कर ली थी, और फिलहाल वो यूपी के ही एक कॉलेज से एमटेक कर रहा था. जबकि जमशीद कश्मीर से ही इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कर रहा था.

अप्रैल 2017 में सब्जार भट्ट के अंतिम संस्कार के दौरान जमशीद की मुलाकात शौकत से हुई थी. जो की बड़े आतंकी ओवैस का रिश्तेदार था. ओवैस ने जमशीद की मुलाकात उमर इब्न नाजिर से कराई, जिसके बाद जमशीद ने उसका संघठन ज्वाइन कर लिया था.

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जमशीद उनसे इनक्रिप्टेड मैसेजिंग एप से बात करता था. ओवेस भी बाद में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था. लेकिन तब तक जमशीद पूरी तरह से आईएसजेके से जुड़ चुका था. पुलिस का कहना है कि इन दोनों के पकड़े जाने के साथ अब आगे कड़ियां जोड़ने की कोशिश की जा रही हैं, ताकि इस पूरे माड्यूल को खत्म किया जा सके.

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