
दिल्ली में महिला सुरक्षा पर हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई. कोर्ट ने कड़े शब्दों में कहा कि सरकार महिला सुरक्षा के मुद्दे को संजीदगी से नहीं ले रही. महिलाओं के प्रति बढ़ रहे अपराधों के मामलों को लेकर सुनवाई के दौरान केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही घिरती नजर आईं. इस मामले की अगली सुनवाई 9 फरवरी को होनी है.
निर्भया केस के मद्देनजर महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ी याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि फंड की कमी की वजह से सुरक्षा को दांव पर नहीं लगाया जा सकता. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस में भर्ती के लिए गृह मंत्रालय की मंजूरी के बावजूद भर्ती पर वित्त विभाग ने अड़ंगा क्यों लगाया? वित्त विभाग का काम पैसे देना है, नीतियों को रोकना नहीं.
सरकार से होईकोर्ट ने पूछे कड़े सवाल
कोर्ट ने पूछा कि दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे आखिर कब तक लग जाएंगे? सुरक्षा के मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा. कोर्ट कब तक सरकार को जिम्मेदारी बताएगी? सरकार न तो तकनीक पर खर्च करना चाहती है न तो पुलिस की भर्ती पर. दिल्ली को सुरक्षित बनाने के लिए और पुलिसकर्मियों की भर्ती करनी होगी. इन सवालों पर केंद्र और दिल्ली सरकार ने अपनी दलील दी.
केंद्र ने दी दिल्ली सरकार को नसीहत
केंद्र ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में पुलिसवालों की भर्ती करना मुमकिन नहीं है. वित्त मंत्रालय ने पैसे की कमी का हवाला दिया है. दिल्ली सरकार ने कहा कि पुलिस पर काम का बोझ है लिहाजा पुलिस का एक हिस्सा राज्य सरकार के अधीन किया जाए. सरकार पुलिस को पैसे देने को तैयार है. केंद्र ने दिल्ली सरकार को नसीहत दी कि इस मुद्दे पर राजनीति न करें.