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दिल्लीः मेट्रो स्टेशन लूटकांड में पुलिस के हाथ खाली

दिल्ली के राजेंद्र प्लेस मेट्रो स्टेशन में सोमवार को हुई लूट की वारदात को अंजाम देने वाले बदमाश अभी तक पुलिस की पहुंच से बाहर हैं. इस लूट ने एक बार फिर दिल्ली के मेट्रों स्टेशनों की सुरक्षा पर सवालिया निशान लगा दिया है.

पुलिस अब लूटेरों की तलाश कर रही है पुलिस अब लूटेरों की तलाश कर रही है
परवेज़ सागर
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  • 12 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 4:31 PM IST

दिल्ली के राजेंद्र प्लेस मेट्रो स्टेशन में सोमवार को हुई लूट की वारदात को अंजाम देने वाले बदमाश अभी तक पुलिस की पहुंच से बाहर हैं. इस लूट ने एक बार फिर दिल्ली के मेट्रों स्टेशनों की सुरक्षा पर सवालिया निशान लगा दिया है. इस केस में पुलिस के हाथ अभी तक खाली हैं.

सुरक्षा पर सवाल
सोमवार की सुबह चारों ओर से सुरक्षा बंदोबस्त के बावजूद दो बदमाश चाकू लेकर दिल्ली के राजेंद्र प्लेस मेट्रो स्टेशन में दाखिल हुए. बदमाश बेखौफ होकर स्टेशन के कंट्रोल रूम में घुसे और मेट्रो का 12 लाख का कलेक्शन लूटकर फरार हो गए. इस घटना के बाद दिल्ली मेट्रो प्रशासन और सीआईएसएफ की सुरक्षा व्यवस्था पर ही सवाल खड़े हो गए.

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सीसीटीवी कैमरे भी नाकाम
दिल्ली के राजेंद्र प्लेस मेट्रो स्टेशन पर दिन-रात बेहद भीड़ भाड़ रहती है. करोल बाग इलाके के पास मौजूद इस मेट्रो स्टेशन पर सोमवार अल सुबह हुई लूट की बड़ी वारदात ने सीआईएसएफ और पुलिस के होश उड़ा कर रख दिए. स्टेशन की सीसीटीवी फुटेज में दोनों बदमाशों को देखा जा सकता है लेकिन उनके चेहरे नहीं. दोनों बदमाशों ने बेहद शातिराना तरीके से लूट को अंजाम दिया. दोनों बदमाश मास्क लगाकर स्टेशन में घुसे ताकि सीसीटीवी फुटेज में उनके चेहरे न कैद हों. सोमवार सुबह 5 बजकर 15 मिनट पर दोनों बदमाश मेट्रो स्टेशन में गेट नंबर 2 से अंदर दाखिल हुए.

19 मिनट में पूरी वारदात
दोनों प्लेटफार्म नंबर 2 पर मौजूद कंट्रोल रूम में जबरन शिकायत दर्ज कराने के बहाने घुस गए. और वहां मौजूद कुणाल किशोर नाम कर्मचारी को चाकू मारकर करीब 12 लाख रुपये लूट लिए. रिपोर्ट के मुताबिक, लूट की घटना मिनटों में पूरी हुई. 19 मिनट बाद सुबह 5 बजकर 34 मिनट पर बदमाश गेट नंबर एक से निकलकर फरार हो गए.

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कुछ अहम सवाल
सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि जिस तरीके से लुटेरों ने बड़े आराम से घटना को अंजाम दिया, उसे देखकर लगता है कि उन्हें मेट्रो स्टाफ के कलेक्शन के बारे में पूरी जानकारी थी. पुलिस जांच में जो अहम सवाल उठे हैं कि

01. उसके मुताबिक, बदमाशों ने मेट्रो स्टाफ को चाकू मारा तो उसकी चिल्लाने की आवाज किसी ने क्यों नहीं सुनी?

02. स्टेशन में दाखिले के वक्त धारदार हथियार को बैग आदि की सुरक्षा जांच में क्लीयरेंस कैसे मिल गई?

03. लूट में इस्तेमाल किया गया धारदार हथियार मेट्रो स्टेशन पर मौजूद किसी स्टाफर ने तो मुहैया नहीं कराया।?

पुलिस के हाथ खाली
पड़ताल में जुटी पुलिस के लिए फरार आरोपी बदमाशों की तलाश बड़ी चुनौती है. उनके चेहरे साफ न होने की वजह से पुलिस की जांच पूरी नहीं हो पा रही है. न ही बदमाशों की शिनाख्त हो पाई है और न ही उनका कोई सुराग पुलिस के हाथ लग पाया है. अब बदमाशों की गिरफ्तारी के बाद ही साफ होगा कि आखिर मेट्रो स्टेशन पर हुई लूट की साजिश के तार कहां तक फैले हैं.

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