Advertisement

सोनू पंजाबन ने बना रखा था जिस्मफरोशी के दलालों का व्हाट्सऐप ग्रुप

पुलिस के मुताबिक सोनू पंजाबन बेहद ऑर्गेनाइज्ड तरीक़े से जिस्मफरोशी का धंधा चलाती थी. सोनू पंजाबन ने व्हाट्सऐप पर दलालों का एक ग्रुप बना रखा था. इसी व्हाट्सऐप ग्रुप के जरिए वह उस मासूम को कस्टमर के पास भेजती थी.

जिस्मफरोशी की हाईटेक सौदागर सोनू पंजाबन जिस्मफरोशी की हाईटेक सौदागर सोनू पंजाबन
चिराग गोठी/आशुतोष कुमार मौर्य
  • नई दिल्ली,
  • 26 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 4:29 PM IST

मासूम लड़कियों को अगवा कर उन्हें जिस्मफरोशी के काले धंधे में धकेलने वाली सोनू पंजाबन और उसके एक साथी के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने एक और चार्जशीट दाखिल की है. गौरतलब है कि अप्रैल, 2011 को पुलिस के हत्थे चढ़ी सोनू पंजाबन की काले करतूतों का कोई न कोई नया रहस्य अब तक सामने आता रहा है.

दिल्ली पुलिस ने सोनू पंजाब के खिलाफ यह चार्जशीट 2009 में एक नाबालिग लड़की को अगवा कर उससे जबरन जिस्मफरोशी करवाने के मामले में दायर की गई है. चार्जशीट के मुताबिक, अगवा किए जाने के बाद 5 साल तक सोनू पंजाबन उस मासूम से हर दिन देह का धंधा करवाती थी.

Advertisement

चार्जशीट के मुताबिक, 2009 में जब पीड़िता को अगवा किया गया, उस समय उसकी उम्र 12 साल थी. मासूम की गवाही के मुताबिक, उसे शादी का झांसा देकर बहकाकर अगवा किया गया था. इसके बाद 5 साल तक वो चीखती चिल्लाती रही, लेकिन किसी ने उसकी चीख पुकार नहीं सुनी.

जी हां 12 साल की वो मासूम साल 2009 में चार्जशीट के मुताबिक, पीड़िता उस दिन अपने घर से स्कूल के लिए निकली थी. लेकिन वापस नहीं लौटी. संदीप नाम के शख्स ने उस बच्ची को बहला फुसला कर अगवा कर लिया और फिर बेच दिया जिस्मफरोशी के दलालों के हाथों.

पुलिस के मुताबिक सोनू पंजाबन बेहद ऑर्गेनाइज्ड तरीक़े से जिस्मफरोशी का धंधा चलाती थी. सोनू पंजाबन ने व्हाट्सऐप पर दलालों का एक ग्रुप बना रखा था. इसी व्हाट्सऐप ग्रुप के जरिए वह उस मासूम को कस्टमर के पास भेजती थी.

Advertisement

पुलिस के मुताबिक वो बच्ची उसके चंगुल से निकल ना जाये उसके लिए उसे लगातार नशे और ड्रग्स के इंजेक्शन दिए जाते थे. साल 2011 में करीब 6 महीने तक अपने पास रखने और जिस्मफरोशी कराने के बाद उस मासूम को सोनू पंजाबन ने लखनऊ में बेच दिया.

इसके बाद मासूम को लखनऊ से दिल्ली फिर दिल्ली से रोहतक बेचा गया. आखिरकार 2014 में रोहतक के दलाल के चंगुल से मासूम भाग निकलने में सफल रही और सीधा दिल्ली के नजफगढ़ थाने पहुंचकर उसने अपनी आपबीती बताई.

उस लड़की की हालत और आपबीती सुनकर पुलिस भी हैरान थी. पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की. जांच के दौरान पता चला कि यह एक बहुत बड़ा गिरोह है जो इस तरह मासूम बच्चियों को अगवा कर उन्हें जिस्मफरोशी के धंधे में उतार देता है.

मामला बड़ा देख पुलिस ने मामला क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया. इसी बीच क्राइम ब्रांच अपनी तफ़्तीश आगे बढ़ाती, उससे पहले ही पीड़िता कहीं लापता हो गई. क्राइम ब्रांच को साल 2017 में एक लीड मिली और क्राइम ब्रांच की टीम ने उस लड़की को फिर से ढूंढ निकाला .

काफी समझाने के बाद पीड़िता ने आखिरकार सोनू पंजाबन और संदीप की शिनाख्त कर ली, जिसने उसे अगवा किया था. इसके बाद पुलिस ने इन दोनों को गिराफ्तार कर लिया. पुलिस की कई टीमें अब तलाश कर रही है उन दलालों की जो इतने सालों तक इस मासूम की अस्मिता को बेचते रहे और जिनके चंगुल में और ना जाने कितनी लड़कियां होंगी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement