
दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में गुरुवार को नॉर्थ ईस्ट दिल्ली दंगों के दौरान 85 साल की बुजुर्ग अकबरी बेगम की हत्या मामले की सुनवाई हुई. कड़कड़डूमा कोर्ट ने इस मामले में 4 आरोपियों की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया.
कड़कड़डूमा कोर्ट ने चारों आरोपियों की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए कहा कि दंगों के दौरान जिस तरह से 85 साल के बुजुर्ग की हत्या की गई, उसे देखते हुए आरोपियों को जमानत नहीं दी जा सकती. दिल्ली पुलिस इस मामले में अभी भी जांच कर रही है.
यह मामला फिलहाल दिल्ली हाइ कोर्ट में भी है जहां मृतक के परिजनों ने पुलिस अधिकारी के एक आदेश को चुनौती दी है. हाई कोर्ट में मृतक के बेटे की ओर से लगाई गई अर्जी में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दंगों की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों को कहा कि दंगों को लेकर हिंदू युवाओं की गिरफ्तारी के बाद से वहां के स्थानीय लोगों में गुस्सा और आक्रोश है. लिहाजा आगे की गिरफ्तारी और जांच के दौरान पुलिस एहतियात बरते.
नई दिल्ली: दिल्ली हिंसाः आरोपी शाहरुख की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी, कोर्ट ने ठुकराई थी याचिका
25 फरवरी को दिल्ली के भजनपुरा इलाके में अकबरी बेगम का घर में शव मिला था. इस मामले में पुलिस ने अरुण कुमार, वरुण कुमार, विशाल सिंह, रवि कुमार, प्रकाश चंद और सूरज को गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ कड़कड़डूमा कोर्ट में आरोप पत्र दायर कर दिया है.
आरोप के मुताबिक, घटना वाले दिन उपद्रवियों ने अकबरी बेगम के घर में आग लगा दी थी. परिवार के बाकी लोग सीढ़ी के सहारे छत पर चले गए थे और अपनी जान बचा ली. लेकिन अकबरी बेगम ऐसा न कर सकीं क्योंकि उनकी उम्र ज्यादा थी. इस बीच उपद्रवियों ने घर में आग लगा दी धी जिसकी वजह से दम घुटने से अकबरी बेगम की मौत हो गई.