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दिल्ली में आवारा कुत्तों का आतंक, बच्ची पर किया जानलेवा हमला

राजधानी दिल्ली में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही है. इसकी ताज़ा मिसाल उस वक्त देखने को मिली, जब आवारा कुत्तों के एक झुंड ने एक मासूम बच्ची पर बुरी तरह से हमला कर दिया. कुत्तों ने बच्ची के शरीर को कई जगह से काट खाया. अब बच्ची अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है.

बच्ची की हालत अभी गंभीर बताई जा रही है बच्ची की हालत अभी गंभीर बताई जा रही है
परवेज़ सागर/तनसीम हैदर
  • नई दिल्ली,
  • 06 जून 2017,
  • अपडेटेड 1:51 PM IST

राजधानी दिल्ली में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही है. इसकी ताज़ा मिसाल उस वक्त देखने को मिली, जब आवारा कुत्तों के एक झुंड ने एक मासूम बच्ची पर बुरी तरह से हमला कर दिया. कुत्तों ने बच्ची के शरीर को कई जगह से काट खाया. अब बच्ची अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है.

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दिल दहला देने वाली यह घटना दिल्ली के अलीपुर इलाके की है. जहां मुखमेलपुर गांव में रहने वाली 8 वर्षीय अंशु को आवारा कुत्तों के झुंड ने बुरी तरह से घायल कर दिया. अब अंशु रोहिणी के बाबा साहेब अम्बेडकर हॉस्पिटल में जिंदगी की जंग लड़ रही है.

चौथी कक्षा में पढ़ने वाली अंशु मुखमेलपुर गांव में अपने परिवार के साथ किराए के मकान में रहती है. अंशु के पिता कारपेंटर हैं. स्कूल में गर्मियों की छुट्टियां चल रही है इसलिए अंशु हर रोज़ सुबह घर के पास बने पार्क में घूमने के लिए जाती थी. रविवार को भी वह घर से निकली थी. अचानक रास्ते मे करीब 9-10 आवारा कुत्तों के एक झुंड ने उस पर हमला कर दिया.

उन कुत्तों ने अंशु को बुरी तरह नोंच खाया. आसपास से गुजर रहे लोगों ने कुत्तों को भगाकर अंशु की जान बचाई. लेकिन तब तक अंशु पूरी तरह से लहूलुहान हो चुकी थी. जिसके बाद आनन-फानन में उसे नरेला के हरीश चंद्र हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया. जहां से उसे वहां से रोहिणी के अम्बेडकर अस्पताल में रेफर कर दिया गया.

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इस समय अंशु अस्पताल में है और उसकी हालत स्थिर बनी हुई है. शरीर पर जख्मों की वजह से उसे बहुत दर्द सहन करना पड़ रहा है. घटना के बाद से बच्ची बहुत डरी और सहमी हुई है. डॉक्टरों के मुताबिक धीमी गति से उसकी हालत में सुधार हो रहा है.

आवारा कुत्तों के हमले की यह कोई पहली घटना नहीं है. आए दिन ऐसी घटनाएं सामने आती हैं. आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ती जा रही है. बावजूद इसके प्रशासन ने आंखे बंद किए बैठा है. ऐसे में आवारा कुत्तों से सावधन रहने की ज़रूरत है.

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