
दिल्ली के स्कूलों में टीचर्स की हैवानियत का मामला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. शनिवार को द यूनियन सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 11 वीं क्लास के एक छात्र को उसके ऑर्ट टीचर ने इतना मारा की बच्चा RMLअस्पताल जा पंहुचा. छात्र की मानें तो उसका आर्ट टीचर पिछले कई दिनों से उसको मानसिक रूप से परेशान कर रहा था. दूसरी तरफ, रोहिणी के एक सरकारी स्कूल में चाकूबाजी की घटना सामने आई है.
यूनियन सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्र ने बताया कि शनिवार को भी उसी टीचर ने उसे फिर खूब मारा, जिसकी वजह से उसके हाथ और पैरों सहित शरीर के एक हिस्से चोटे आई हैं. बच्चों को टीचर से खुद को बचाने के लिए ऊपर से छलांग भी लगानी पड़ी, जिसकी वजह से अब उसका न तो हाथ सीधा हो रहा है और न ही वो चल फिर पा रहा है.
इस मामले की जानकारी जब घरवालों को लगी तो वो तुरंत अस्पताल RMLअस्पताल पंहुचे, साथ ही उन्होंने मामले की शिकायत पुलिस से की. जब हमने इस बारे में स्कूल प्रशासन से बात करना चाहा तो प्रिंसिपल ने बात करने से साफ मना कर दिया. अब स्कूल प्रशासन इस मामले को रफा-दफा करने के लिए कोशिश कर रहा है. आए दिन मासूम टीचर्स के हाथों मारे-पीटे जा रहे हैं. इस मामले में भी बच्चा सदमे में चला गया है, लेकिन सवाल उठता है कि आखिर कब देश की शिक्षा व्यवस्था सुधरेगी.
चाकू लगने से छात्र गंभीर रूप से घायल
दूसरी तरफ, दिल्ली के ही रोहिणी इलाके में एक सरकारी स्कूल दसवीं क्लास के एक छात्र ने अपने साथी को स्कूल के बाहर चाकू से गोद दिया जिससे छात्र की हालत गंभीर है. दिल्ली के रोहिणी इलाके के आंबेडकर हॉस्पिटल में बच्चे को भर्ती कराया गया है. घायल छात्र का नाम उमर फारुख है. उसको रोहिणी के एक सर्वोदय विद्यालय में पढ़ने वाले उसके साथी के साथ कुछ कहासुनी हुई थी. इसके बाद उसने उसे स्कूल की छुट्टी के बाद बाहर देख लेने की धमकी दी थी. जैसे ही फारुख स्कूल से बाहर निकला पहले से इंतजार कर रहे, आरोपी ने अपने कुछ साथियों के साथ फारुख पर हमला कर दिया. उमर फारुख को तीन बार चाकू मारा गया है और उसकी हालत गंभीर है.
घटना के बाद पुलिस ने मामला तो दर्ज़ कर लिया है, लेकिन पीड़ित और आरोपी दोनों ही नाबालिग हैं, लिहाज़ा पुलिस इस मामले की जांच कर रही है कि हमलावरों में आरोपी नाबालिग के अलावा कोई बालिग तो नहीं है. स्कूलों में आए दिन होने वाली ऐसी घटनाएं दिल्ली के अभिभावकों में चिंता का विषय बनी हुई है.