Advertisement

लड़कियों से कहता था बाबा- मेरे साथ सो जाओ, बुरे सपने नहीं आएंगे

यौन शोषण के आरोपों से घिरे आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के गुरु वीरेन्द्र देव दीक्षित के करावल नगर और नांगलोई स्थित आश्रमों पर सोमवार को छापेमारी के बाद DSW की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने सनसनीखेज आरोप लगाया है.

आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के गुरु वीरेन्द्र देव दीक्षित आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के गुरु वीरेन्द्र देव दीक्षित
मुकेश कुमार
  • नई दिल्ली,
  • 26 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 11:59 AM IST

यौन शोषण के आरोपों से घिरे आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के गुरु वीरेन्द्र देव दीक्षित के करावल नगर और नांगलोई स्थित आश्रमों पर सोमवार को छापेमारी के बाद DSW की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने सनसनीखेज आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि बाबा लड़कियों से कहता था कि उसके साथ सोने से लड़कियों को बुरे सपने नहीं आते हैं.

दैनिक भास्कर के मुताबिक, ढ़ोगी बाबा वीरेन्द्र देव आश्रम की साधिकाओं से कहता था कि वे उसके जितनी नजदीक आएंगी वे उतनी ही 'लवली' बन जाएंगी. सोमवार की कार्रवाई के बाद स्वाति ने सीबीआई से कहा है कि वह देशभर में बाबा के आश्रमों पर जल्द से जल्द कार्रवाई करके उन्हें बंद करा दे. देरी होने से उसको बचने का समय मिल रहा है.

Advertisement

उधर, DCW के दावों के ठीक उलट आश्रम में रह रही साधिकाओं ने बताया कि तो वीरेन्द्र देव ने न तो उनके साथ रेप किया है और न ही आश्रमों में किसी को भी जबरन रखा गया है. सभी महिलाओं को रखने ने पहले उनकी उम्र और शेष की सभी औपचारिकता पूरी की जाती है. किसी भी आश्रम से कन्याओं को कहीं नहीं शिफ्ट किया जा रहा है.

इससे पहले स्वाति मालिवाल ने बताया था कि बाबा के मोहन गार्डन स्थित आश्रम से 5 नाबालिग लड़कियों को मुक्त कराया गया. यहां भी विजय विहार के आश्रम की तरह ही महिलाओं और लड़कियों को कैद कर रखा गया था. आस-पास के लोगों ने बताया कि शुक्रवार की शाम छापेमारी से पहले सुबह ही आश्रम से कई लड़कियों को हटा दिया गया था.

Advertisement

उन्होंने यह भी बताया था कि आश्रम के अंदर से अक्सर महिलाओं के रोने की आवाजें आती थीं. रोहिणी आश्रम पर छापेमारी के दौरान 41 महिलाओं को मुक्त कराया गया था. हाईकोर्ट में पेश की गईं महिलाओं की आपबीती सुनने के बाद ढोंगी बाबा के सभी आश्रमों पर छापेमारी का आदेश दिया गया था. टीम बाबा के ठिकानों का पता लगाने में जुटी हुई है.

उत्तम नगर का आश्रम भी पूरी तरह से बंद करके रखा गया था. किसी को भी ऊपर जाने की अनुमति नहीं दी जाती थी. इस आश्रम को मेडिकल सेंटर के रूप में चलाया जा रहा था, जहां विजय विहार और अन्य 6 आश्रमों से बीमार महिलाओं को यहां लाया जाता था. इस आश्रम से भी बड़ी मात्रा में दवाइयां और अश्लील किताबें बरामद की गई थी.

अय्याश बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के इस आश्रम का संचालन गुरुमूर्ति नारायण करता था. इमारत के ग्राउंड और पहली मंजिल पर गुरुमूर्ति, उनका पुत्र सत्यनारायण और उसकी पत्नी रहती थी. गुरुमूर्ति का पूरा परिवार वीरेंद्र देव का भक्त है. इसी मकान की ऊपरी दो मंजिलें गुरुमूर्ति ने आश्रम को दान दे रखी थीं, जिसमें 21 महिलाएं अभी भी कैद में हैं.

एक एनजीओ द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट में इस मुद्दे को लेकर याचिका दायर की गई थी, जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जांच के आदेश दिए थे. एक पीड़ित युवती ने कोर्ट से कहा था कि आश्रम में बहुत से ऐसे लोग हैं जो नाबालिग युवतियों का ब्रेनवॉश करते हैं. उनका यौन शोषण भी करते हैं. दो महीने से उसके साथ भी यौन शोषण किया जा रहा था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement