गुप्तांगों में मिर्च पाउडर और नमक डाला, दिल्ली महिला आयोग ने दर्ज कराई FIR

पीड़ित महिला ने बताया कि शेल्टर होम के अधिकारी उसका उत्पीड़न करते हैं. उसे प्रताड़ित करते हैं. महिला ने आरोप लगाया कि उसे पुरुष अधिकारियों के सामने नंगा किया गया. अधिकारी उसको पीटते थे और उसके ऊपर गर्म पानी डालते थे.

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सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

पुनीत शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 29 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 10:17 PM IST

दिल्ली महिला आयोग ने कुतुब विहार स्थित एक निजी शेल्टर होम में रह रही 50 वर्षीय महिला के उत्पीड़न और शोषण के मामले में एफआईआर दर्ज कराई है. दिल्ली महिला आयोग की सदस्य प्रोमिला गुप्ता के नेतृत्व में आयोग की एक टीम ने शेल्टर होम का 23 जनवरी को दौरा किया था. टीम को शेल्टर होम में कई अनियमितताएं मिलीं. टीम ने पाया कि वहां रिकॉर्ड में दर्ज संख्या से ज्यादा महिलाएं और लड़कियां रह रहीं थीं. यह भी शिकायत मिली कि शेल्टर होम के अधिकारियों का काम न करने और उनका आदेश न मानने पर महिलाओं को कड़ा दंड दिया जाता था.

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पचास वर्षीय गीता (नाम बदला हुआ) ने बताया कि शेल्टर होम के अधिकारी उसका उत्पीड़न करते हैं. उसे प्रताड़ित करते हैं. महिला ने आरोप लगाया कि उसे पुरुष अधिकारियों के सामने नंगा किया गया और उसके गुप्तांगों में मिर्च पाउडर और नमक डाला गया. महिला ने बताया कि अधिकारी उसको पीटते थे और उसके ऊपर गर्म पानी डालते थे. दिल्ली महिला आयोग की टीम ने इस बारे में तुरंत दिल्ली पुलिस को सूचित किया और उनको मौके पर बुलाया. इसके बाद महिला को थाने ले जाया गया. आयोग के हस्तक्षेप के बाद छावला थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 354/354B/323/34 के तहत मुक़दमा दर्ज किया गया है.

महिला को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया और अब उसे दूसरे शेल्टर होम में रखा गया है. महिला ने पांच लोगों के खिलाफ आरोप लगाए हैं. इनमें दो पति-पत्नी हैं. इस शेल्टर होम का रिकॉर्ड पहले भी अच्छा नहीं रहा है. कुछ समय पहले आयोग ने इसी शेल्टर होम से 4 लड़कियों को बाहर निकलवाया जिनका यहां पर शोषण किया जा रहा था. आयोग ने इस होम का लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की थी.

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दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाती मालीवाल ने कहा, देश भर में शेल्टर होम की स्थिति सुधारने की जरूरत है. महिला आयोग दिल्ली में स्थित ऐसे शेल्टर होम का ऑडिट करने और और उनकी स्थिति सुधारने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहा है. आयोग का मानना है कि इस मामले की तरह जो भी व्यक्ति शेल्टर होम में रहने वालों पर अत्याचार करते हैं, उन्हें  कठोरतम दंड दिया जाना चाहिए. साथ ही ऐसे शेल्टर होम के लाइसेंस रद्द होने चाहिए.

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