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दिल्ली में देह व्यापार के रैकेट का भंडाफोड़, महिला आयोग ने की मदद

महिला आयोग की टीम सभी लोगों को अमन विहार थाने लेकर गई, जहां लड़कियों ने कहा कि वे सभी बालिग हैं और अपनी मर्जी से देह व्यापार का धंधा कर रही थीं. उन्होंने बताया कि एक ग्राहक के उनको 250 रुपये मिलते थे, एक महिला ने बताया कि वह अनाथ है.

महिला आयोग की मदद से देह व्यापार के रैकेट का भंडाफोड़ महिला आयोग की मदद से देह व्यापार के रैकेट का भंडाफोड़
पुनीत शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 19 अप्रैल 2019,
  • अपडेटेड 4:32 PM IST

दिल्ली महिला आयोग की 181 महिला हेल्पलाइन ने गुरुवार को दिल्ली के अमन विहार के एक घर में चल रहे देह व्यापार के रैकेट का भंडाफोड़ कर दिया. आयोग की टीम ने घर में 6-7 पुरुषों और 3 लड़कियों को हिरासत में ले लिया. इस मामले में एक एफआईआर दर्ज की गई है. एजेंट गौतम को गिरफ्तार कर लिया गया है.

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दरअसल, महिला आयोग को एक अंजान आदमी का फ़ोन आया और उसने बताया कि दिल्ली के अमन विहार में उसके घर के बराबर में एक घर में  देह व्यापार चल रहा है. महिला आयोग ने देर न करते हुए इस फोन के आधार पर गुरुवार सुबह दिल्ली महिला आयोग की एक टीम उस क्षेत्र में भेजी और स्थानीय लोगों से बात की. उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि दिन में उस घर में देह व्यापार होता है.

आयोग की टीम ने बारीकी से उस घर की निगरानी रखी और देखा कि सुबह 10.30 बजे 4 लड़कियां उस घर में आयीं. उसके लगभग 15 मिनट बाद 1 लड़की वहां से चली गयी. इसके बाद स्कूटर और मोटर साइकिलों से लोग घर में आने लगे. उनको फ़ोन पर बात करने के बाद ही घर में घुसने दिया जा रहा था. घर के चारों तरफ बांस की चिक लगी हुईं थीं, जिससे घर के अंदर की गतिविधियों को देखना मुश्किल था.

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बता दें कि घर के मालिक गौतम ने खुद को रंगे हाथों पकड़े जाने पर 4 लड़कों को पीछे के दरवाजे निकाल दिया, मगर उनको आसपास रहने वाले लोगों ने पकड़ लिया. इससे पहले कि आयोग की टीम लड़कियों से कुछ बात कर पाती, गौतम ने लड़कियों से कहा कि वे यह न कहें की उनसे यह काम जबर्दस्ती करवाया जा रहा है, क्योंकि वह उनको पैसे देता है. उसने दिल्ली महिला आयोग की टीम से बात करके मामले को रफा दफा करवाने की कोशिश भी की.

इसके बाद आयोग की टीम सभी लोगों को अमन विहार थाने लेकर गई, जहां लड़कियों ने कहा कि वे सभी बालिग हैं और अपनी मर्जी से देह व्यापार का धंधा कर रही थीं. उन्होंने बताया कि एक ग्राहक के उनको 250 रुपये मिलते थे, एक महिला ने बताया कि वह अनाथ है, दूसरी ने बताया कि उसका पति नशे का आदी है और उसके साथ मारपीट करता है, वह अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए यह काम करती है. तीसरी लड़की, जो असम की थी, उसने कुछ भी कहने से मना कर दिया.

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इस पूरे मामले पर कहा कि ''देह व्यापार गुलामी का सबसे बुरा रूप है. पूरे देश में व्यावसायिक रूप से महिलाओं और लड़कियों का यौन शोषण किया जा रहा है. यह बहुत ही शर्म की बात है कि राजधानी में यह घिनौना अपराध इतने बड़े पैमाने पर हो रहा है. हालांकि महिलाओं ने कहा कि वे अपने आप से देह व्यापार में शामिल थीं, मगर यह सच्चाई है कि उनका शोषण किया जा रहा है. कोई भी महिला बिना जबर्दस्ती के दिन में 7 पुरुषों के साथ नहीं सो सकती.

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मालीवाल ने कहा कि मेरा यह मानना है कि उनको एक समय पर इन महिलाओं को इस काम में धकेला गया होगा, और अब वे इसमें फंस गयी हैं क्योंकि उनके पास कोई दूसरा चारा नहीं है. उन्होंने कहा कि आयोग इन महिलाओं की काउंसलिंग करेगा और इन को कोई दूसरा सम्मानजनक रोजगार दिलवाने में मदद करेगा. इसके अलावा पुलिस को कोठे के मालिक के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए और उस घर को सील करना देना चाहिए''.

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