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DWC ने पुलिस के साथ मिलकर नाबालिग लड़की को कराया मुक्त

दिल्ली महिला आयोग को सूचना मिली थी कि किंग्सवे कैम्प के एक घर में एक नाबालिग लड़की से काम कराया जा रहा है. इस सूचना के आधार पर दिल्ली महिला आयोग की एक टीम वहां पहुंची और टीम ने दिल्ली पुलिस को भी मौके पर बुला लिया.

पीड़िता को शेल्टर होम भेज दिया गया है पीड़िता को शेल्टर होम भेज दिया गया है
परवेज़ सागर/पुनीत शर्मा/राम किंकर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 31 मई 2018,
  • अपडेटेड 10:34 PM IST

महिला आयोग और दिल्ली पुलिस की टीम ने अपर जिलाधिकारी के साथ मिलकर एक घर में बंधक बना कर रखी गई नाबालिग लड़की को मुक्त कराया है. पीड़ित लड़की झारखंड की रहने वाली है. अब उस लड़की की काउंसलिंग कराई जा रही है.

दरअसल, दिल्ली महिला आयोग को सूचना मिली थी कि किंग्सवे कैम्प के एक घर में एक नाबालिग लड़की से काम कराया जा रहा है. इस सूचना के आधार पर दिल्ली महिला आयोग की एक टीम वहां पहुंची और टीम ने दिल्ली पुलिस को भी मौके पर बुला लिया.

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शुरू में मकान मालकिन ने आयोग और पुलिस की टीम को घर में घुसने नहीं दिया. मगर पुलिस ने जब दरवाजा तोड़ने की धमकी दी तो मकान मालकिन ने दरवाजा खोल दिया. जब आयोग, दिल्ली पुलिस की टीम और अपर जिलाधिकारी मकान में अंदर गए तो उन्हें एक नाबालिग लड़की मिली, जो बहुत सहमी हुई थी.

वह डर की वजह से कुछ बता भी नहीं पा रही थी. बच्ची की काउंसलिंग कराने पर उसने बताया कि वह झारखण्ड में नीरारा के बड़ा बांस गांव की रहने वाली है. उसके माता पिता का बचपन में देहांत हो गया था. उसका पालन पोषण उसकी नानी ने किया है.

लड़की ने बताया कि एक प्लेसमेंट एजेंसी की एजेंट उसको 3 साल पहले दिल्ली लेकर आई थी और उसको 3000 रुपये प्रतिमाह पर इस घर में काम करने के लिए रखवाया था. वह तभी से इस घर में काम कर रही है. मगर उसको अब तक कोई वेतन नहीं दिया गया. बीमार होने पर भी उससे काम करवाया जाता था. दवा भी नहीं दिलाई जाती थी.

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पीड़िता के मुताबिक उसको घर में बंधक बनाकर रखा गया था और उसके घर से बाहर निकलने पर भी पाबन्दी थी. पुलिस ने इस मामले में जेजे एक्ट, बाल मजदूरी क़ानून और बंधुआ मजदूरी क़ानून की उचित धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली है. फिलहाल, लड़की को शेल्टर होम भेज दिया गया है.

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