
श्रद्धा हत्याकांड में साकेत कोर्ट ने आरोपी आफताब को पांच दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है. उसने अपनी गर्लफ्रेंड श्रद्धा की बेरहमी से हत्या कर उसके शव के 20 टुकड़े कर दिए थे. इस मामले में पुलिस कई एंगल पर जांच कर रही है. श्रद्धा के मर्डर की टाइमिंग को देखकर सवाल उठता है कि क्या हत्या के मकसद से ही आफताब श्रद्धा को दिल्ली लेकर आया था? क्या उसने अपनी गर्लफ्रेंड की हत्या के लिए पहले से ही प्लान बनाकर रख लिया था?
जानकारी से पता चला है कि हिमाचल विजिट के दौरान आफताब की मुलाकात दिल्ली के छतरपुर के रहने वाले एक लड़के से हुई थी. इसी के बाद श्रद्धा और आफताब ने दिल्ली में रहने का प्लान बना लिया. 8 मई को दोनों दिल्ली पहुंचे. पहले वे पहाड़गंज के होटल में रुके. इसके बाद साउथ दिल्ली के सैदुल्लाजाब इलाके में ठहरे. इसके बाद वे छतरपुर में एक फ्लैट में रहने लगे. 10 दिन बाद यानी 18 मई को आफताब ने श्रद्धा का कत्ल कर दिया.
मार्च-अप्रैल में हिमाचल गए, मई में दिल्ली आ गए
पुलिस के मुताबिक साल 2019 से श्रद्धा और आफताब रिलेशनशिप में थे. दोनों के बीच अकसर छोटी-छोटी बातों को लेकर झगड़े हुआ करते थे. जानकारी के मुताबिक श्रद्धा ने मुंबई में आफताब के साथ हिमाचल प्रदेश घूमने का प्लान बनाया. दोनों मार्च-अप्रैल महीने में करीब एक महीने के टूर पर हिल स्टेशन घूमने के लिए निकले थे.
सवाल यह है कि हिमाचल में क्या ऐसा क्या हुआ कि आफताब ने दिल्ली रहने का प्लान बना लिया? पहाड़गंज फिर सैदुल्लाजाब में रहने के दौरान आफताब ने श्रद्धा का कत्ल करने का प्लान बनाया हो लेकिन मौका नहीं मिला हो? या कत्ल के लिए वह जगह मुफीद नहीं हो? इसलिए उसने छतरपुर में फ्लैट लिया और फ्लैट लेने के कुछ दिन बाद ही श्रद्धा का कत्ल कर दिया. वह हत्या करने के बाद लगातार तमाम सबूत मिटाता रहा. मुंबई वापस नहीं लौटा और 6 महीने तक किसी को हत्याकांड की भनक तक नहीं लगने दी. फिलहाल पुलिस पूछताछ में इन तमाम कड़ियों को जोड़ने में लगी है.
बॉडी पार्ट्स की होगी डीएनए सैंपलिंग
श्रद्धा के केस में सबूत जुटना दिल्ली पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है. दिल्ली पुलिस के सामने हत्याकांड का कबूलनामा करने वाला आफताब अदालत में अपने बयान से पलट भी सकता है. पुलिस के पास भले ही आफताब का कबूलनामा है, लेकिन उसकी अहमियत तभी होगी जब वह कोर्ट के सामने भी अपने जुर्म को कबूल करे.
आफताब ने श्रद्धा की हत्या के बाद उसकी बॉडी के कई टुकड़ों को अलग-अलग जगह फेंक दिया था. पुलिस के पास बॉडी पार्ट की बरामदगी के नाम पर हड्डियों के कुछ टुकड़े ही मिले हैं, जिसे पुलिस फिलहाल यकीन के साथ नहीं कह सकती कि वे हड्डियां या बॉडी पार्ट के बरामद टुकड़े श्रद्धा के ही हैं. बॉडी के हर पार्ट, गर्दन के ऊपर के हिस्से को बरामद करके पुलिस को यह भी साबित करना होगा वे तमाम बॉडी पार्ट श्रद्धा के ही हैं, इसके लिए पुलिस बॉडी पार्ट की DNA सैंपलिंग करवाएगी.
क्या कमरे, फ्रीज में मिले खून के धब्बे?
कातिल को हत्या के बाद सबूत मिटाने के लिए 6 महीने का वक्त मिला. इस दौरान आफताब ने घर में फैले खून के धब्बों को केमिकल से कई बार साफ किया. फॉरेंसिक टीम को कमरे में जांच के बाद क्या खून के धब्बे मिलेंगे? जिस फ्रिज में बॉडी पार्ट रखा था उस फ्रिज को भी केमिकल से पूरी तरह आफताब ने साफ कर दिया था. खून के धब्बों का नमो निशान नहीं था. फोरेंसिक टीम ने फ्रिज की भी पड़ताल की थी.
पुलिस को कहीं नहीं मिला सीसीटीवी फुटेज
आस पास के तमाम CCTV फुटेज दिल्ली पुलिस ने खंगाले, उस रूट का भी जहां से आफताब बॉडी पार्ट को ठिकाने लगाने जाता था, लेकिन कहीं कोई CCTV नहीं मिला, दरअसल हत्याकांड 18 मई को अंजाम दिया गया, 6 महीने तक किसी CCTV का बैक अप रहता है?
श्रद्धा को पीटता था आफताब
श्रद्धा के दोस्त रजत शुक्ला ने एएनआई को बताया कि श्रद्धा और आफताब शुरुआत में तो खुशी-खुशी रहते थे लेकिन बाद में श्रद्धा ने बताया कि आफताब उसे पीटता है. वह उसे छोड़ना चाहती थी लेकिन ऐसा नहीं कर पा रही थी. इसके बाद वे नौकरी के लिए दिल्ली चले गए थे.