
दिवाली के दिन 3 बेटियां अपने पिता का इंतजार करती रहीं, लेकिन वह नहीं आए. दिवाली के बाद उनके पिता की लाश बरामद हुई. 21 अक्टूबर को सुबह लगभग 10 बजे एक ड्राइवर की लाश उसी के कार में अर्जनगढ़ मेट्रो से कुछ दूरी पर मिली. शिनाख्त के बाद पता लगा कि मृतक ड्राइवर का नाम दुर्गेश झा है और वह 19 अक्टूबर से लापता था.
एक परिवार का सहारा हमेशा के लिए इस दुनिया से चला गया. तीन बेटियां हमेशा के लिए अनाथ हो गईं. दुर्गेश पेशे से टैक्सी ड्राइवर था. 18 अक्टूबर को वह इसी ईटियोस टैक्सी कार से काम पर गया था. दिवाली वाले दिन उसकी पत्नी से सुबह में बात हुई. वह घर आने वाला था. उसकी पत्नी लगातार फोन करती रही. 21 अक्टूबर को सुबह पुलिस का फोन आया, उसके बाद पता लगा कि दुर्गेश की लाश उसकी कार में पड़ी है. इस घटना के बाद दुर्गेश के परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है.
दिवाली के दिन से गायब दुर्गेश की ये कार अर्जनगढ़ मेट्रो स्टेशन से कुछ दूरी पर एक ट्रांसफॉर्मर के पास खड़ी थी. 21 अक्टूबर को कुछ लोगों की नजर इस कार पर पड़ी, तो देखा कि दुर्गेश ड्राइवर की सीट पर बैठा था और आवाज देने के बाद भी कोई हरकत नहीं देख लोगों ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस यहां पहुंची तो पाया कि दुर्गेश की मौत हो चुकी है.
प्राथमिक जांच से लगता है कि दुर्गेश की मौत किसी तरह की जहरीली गैस के कारण हुई थी क्योंकि कार में किसी तरह से फोर्सली एंट्री नहीं थी. हालांकि परिवार को आशंका है कि किसी ने जहर देकर दुर्गेश को मारा है.