इसलिए इंटेलिजेंस ने बेड़े में शामिल किए गए हैं 'वार्नर और माया', ये हैं इनकी खासियत

राजस्थान में आतंकियों के मंसूबों को नाकाम करने का जिम्मा अब 'वार्नर और माया' को सौंपा गया है. राजस्थान इंटेलिजेंस के ये नए चेहरे अब किसी भी आतंकी खतरे को सूंघकर उसे विफल कर देंगे. दरअसल 'वार्नर और माया' तस्वीरों में दिख रहे बीगल ब्रीड के इन डॉग्स के नाम हैं. स्मार्ट डॉग्स की कैटेगरी में बीगल ब्रीड दुनिया में तीसरे नंबर पर है.

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कमाल की होती है इनकी सूंघने की क्षमता कमाल की होती है इनकी सूंघने की क्षमता

राहुल सिंह

  • जयपुर,
  • 21 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 4:57 PM IST

राजस्थान में आतंकियों के मंसूबों को नाकाम करने का जिम्मा अब 'वार्नर और माया' को सौंपा गया है. राजस्थान इंटेलिजेंस के ये नए चेहरे अब किसी भी आतंकी खतरे को सूंघकर उसे विफल कर देंगे. दरअसल 'वार्नर और माया' तस्वीरों में दिख रहे बीगल ब्रीड के इन डॉग्स के नाम हैं. स्मार्ट डॉग्स की कैटेगरी में बीगल ब्रीड दुनिया में तीसरे नंबर पर है.

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यूएस-रूस पुलिस भी इस ब्रीड के डॉग्स का करती है इस्तेमाल

'वार्नर और माया' ने हाल में राजस्थान में हुए सभी तरह के बड़े समारोह और वीआईपी मूवमेंट में सुरक्षा चक्र को और अधिक पुख्ता बनाने में सहयोग देकर अपनी काबिलियत का परिचय दिया है. बताते चलें कि 'वार्नर और माया' बीगल ब्रीड के डॉग्स है और यूएस और रूस पुलिस भी सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त बनाए रखने के लिए बीगल ब्रीड के डॉग्स का इस्तेमाल करती है.

स्मार्ट डॉग्स की श्रेणी में तीसरे स्थान पर बीगल ब्रीड

राजस्थान इंटेलिजेंस विंग के डॉग हैंडलर श्रीप्रकाश यादव कहते हैं, 'हमने अपने जीवन में बहुत सारे डॉग्स हैंडल किए हैं, लेकिन 'वार्नर और माया' के सूंघने और पकड़ने की ऐसी क्षमता हमने अब तक किसी की भी नहीं देखी.' यादव कहते हैं कि दुनिया में स्मार्ट डॉग्स कि जो श्रेणी अभी तक तय की गई है, उसमें बीगल ब्रीड तीसरे नंबर पर आती है.

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छोटा आकार भी एक खासियत

पहली और दूसरी श्रेणी के डॉग्स के लिए राजस्थान का मौसम अनुकूल नहीं है. बीगल ब्रीड के डॉग्स की खासियत यह है कि ये आकार में बेहद छोटे होते हैं, जिसकी वजह से सुरक्षा जांच के दौरान प्लेन और गाड़ियों की सीट के नीचे यह आसानी से पहुंच जाते हैं. साथ ही इनके किसी भी विस्फोटक को सूंघने की क्षमता बेहद जबरदस्त होती है.

1 साल के हैं 'वार्नर और माया'

महज 1 साल के 'वार्नर और माया' चंडीगढ़ के पंचकूला में ITBP से अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद राजस्थान पुलिस कि इंटेलिजेंस विंग में शामिल हो चुके हैं. खास बात यह है कि देश में पहली बार राजस्थान पुलिस कि इंटेलिजेंस विंग ने इस ब्रीड के एक जोड़े के साथ यह प्रयोग किया है.

'बेस्ट' नाम का लैब्रा डॉग भी है बहुत बेस्ट

गौरतलब है कि राजस्थान पुलिस कि इंटेलिजेंस विंग के पास वर्तमान में कुल 24 डॉग्स है. इंटेलिजेंस के पास नए मेहमान 'वार्नर और माया' के अलावा लैब्राडोर ब्रीड के डॉग्स है. इस ब्रीड के बारे में बात करें तो 'बेस्ट' नाम के लैब्रा डॉग ने जयपुर में रामचंद्र मंदिर के पास साइकिल के ऊपर रखे बैग की पहचान की थी, जिसमें टाइम बम रखा था. यही नहीं, अजमेर दरगाह ब्लास्ट के समय भी 'बेस्ट' ने पुलिस लाइन में रखे गए एक बैग में टाइम बम को सूंघकर बड़ा हादसा होने से बचाया था.

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