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बड़ा सवालः क्या आतंकवादियों का साथी है जम्मू-कश्मीर पुलिस का DSP देंवेंद्र सिंह!

अफजल गुरू की चिठ्ठी के मुताबिक दिल्ली आने के बाद डीएसपी देवेंद्र सिंह अलग-अलग नंबरों से लगातार उससे और मोहम्मद से बातें किया करता था. संसद भवन हमले में मारे गए पांच आतंकवादियों में से एक मोहम्मद भी था.

डीएसपी देवेंद्र सिंह के नाम का खुलासा मौत से पहले अफजल गुरु ने किया था (फोटो- इंडिया टुडे) डीएसपी देवेंद्र सिंह के नाम का खुलासा मौत से पहले अफजल गुरु ने किया था (फोटो- इंडिया टुडे)
शम्स ताहिर खान/परवेज़ सागर
  • नई दिल्ली,
  • 15 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 2:16 PM IST

  • क्या खुफिया एजेंसियों के लिए भी काम करता है देवेंद्र सिंह?
  • क्या संसद हमले या पुलवामा हमले से देवेंद्र सिंह का है कोई रिश्ता?

संसद भवन पर हुए आतंकवादी हमले के दोषी अफजल गुरू ने फांसी से पहले सुप्रीम कोर्ट के सीनीयर एडवोकेट सुशील कुमार को एक खत लिखा था. इस खत में उसने लिखा था कि संसद भवन हमले से ऐन पहले डीएसपी देवेंद्र सिंह ने उसे मोहम्मद नाम के एक शख्स को दिल्ली ले जाने और दिल्ली में किराए का घर दिलाने को कहा था. अफजल गुरू के मुताबिक दिल्ली आने के बाद डीएसपी देवेंद्र सिंह अलग-अलग नंबरों से लगातार उससे और मोहम्मद से बातें किया करता था. संसद भवन हमले में मारे गए पांच आतंकवादियों में से एक मोहम्मद भी था.

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अफजल ने अपने वकील को लिखा था पत्र

ये ख़त अक्तूबर 2006 का है. संसद हमले के दोषी अफजल गुरू ने ये खत सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट सुशील कुमार को तब लिखा था, जब सुशील कुमार अफजल के केस की सुप्रीम कोर्ट में पैरवरी करने को तैयार हो गए थे. निचली अदालत और हाई कोर्ट ने संसद हमले के लिए अफजल गुरू को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी. उसी सजा को अफजल ने सुशील कुमार के जरिए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

इस खत में अफजल गुरू ने संसद हमले की साजिश से जुड़ी जो सबसे अहम बात कही है, उसके तार देवेंद्र सिंह से जुड़ते हैं. अफजल गुरू के मुताबिक देवेंद्र सिंह से उसकी पहली मुलाकात हुमहामा में एसटीएफ कैप में हुई थी. सरेंडर करने वाला आतंकवादी होने की वजह से अक्सर उसे एसटीएफ और लोकल पुलिस के एसपीओ तंग करते थे.

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अफजल के पत्र में देवेंद्र सिंह का नाम

खत में अफजल गुरू ने लिखा है कि "एक बार मुझे उठा कर हुमहामा कैंप ले जाया गया था. जहां मुझे काफी टॉर्चर किया गया. इसके बाद एक लाख रुपए देने के बाद हीं मुझे छोड़ा गया. बदगाम के एसएसपी अशाक हुसैन का साला अलताफ हुसैन मुझे जानता था. मैं उसके बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता था. एक रोज़ अलताफ हुसैन मुझे डीएसपी देवेंद्र सिंह के पास ले गया. तब देवेंद्र सिंह ने मुझसे कहा था कि मैं उसका छोटा सा काम कर दूं. उसके एक परिचित को अपने साथ दिल्ली ले जाऊं. देवेंद्र ने कहा कि चूंकि मैं दिल्ली में रहता हूं और दिल्ली से वाकिफ हूं तो उसके परिचित के लिए आसानी से किराए के एक घर का इंतजाम कर सकता हूं. मैं उस शख्स को नहीं जानता था पर मुझे शक था कि वो कश्मीरी नहीं है. क्योंकि कश्मीरी बोल नहीं पाता था. पर देवेंद्र का हुक्म था मैं टालने की हिम्मत नहीं कर पाया और उसे अपने साथ दिल्ली ले आया. दिल्ली में एक दिन उसने कहा कि उसे एक कार खरीदनी है. मैं उसे अपने साथ करोल बाग ले गया. जहां से उसने एक कार खरीदी. बाद में मुझे पता चला कि उसका नाम मोहम्मद है. दिल्ली में वो कई और लोगों से भी मिला. इस दौरान मोहम्मद और मुझे देवेंद्र सिंह लगातार अलग-अलग नंबरों से फोन करता था. फिर एक दिन मोहम्मद ने कहा अगर मैं कश्मीर वापस जाना चाहता हूं तो जा सकता हूं. इसके बाद उसने इनाम के तौर पर मुझे 35 हजार रुपये भी दिए"

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मुठभेड़ में मारे गए थे पांचों आतंकी

आपको बता दें कि संसद हमले के दौरान जो पांच आतंकवादी मारे गए थे उनमें से एक मोहम्मद था. मोहम्मद पाकिस्तान से कश्मीर के रास्ते भारत आय़ा था. वह जैश-ए-मोहम्मद का आतंकवादी था. 'आज तक' को 2001 में दिए इंटरव्यू में भी अफजल गुरू ने मोहम्मद का नाम लिया था. मोहम्मद के साथ जैश के जो बाकी चार और पाकिस्तानी आतंकवादी दिल्ली आए थे उनमें हमज़ा, राजा, राना और अता शामिल थे. ये पांचों ही संसद हमले के दौरान सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे.

पूर्व डीजीपी ने कहा- संसद हमले में भी हो जांच

जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी कुलदीप खोड़ा ने भी कहा है कि अफजल गुरू के उस आरोप को तब जांच एजेंसियों को गंभीरता से लेना चाहिए था. उन्होंने कहा संसद भवन हमले के मामले में देवेंद्र सिंह की भूमिका की जांच होनी चाहिए.

किसी मिशन पर तो नहीं था देवेंद्र सिंह?

देवेंद्र सिंह का आईबी यानी खुफिया ब्यूरो के साथ भी रिश्ता बेहतर रहा है. एक अंदेशा ये भी जताया जा रहा है कि कहीं देवेंद्र सिंह की गिरफ्तारी हमारी अपनी एजेंसियों के बीच तालमेल की कमी का तो नतीजा नहीं है? हिजबुल के जिन दो आतंकवादियों के साथ देवेंद्र सिंह पकड़े गए कहीं ये अपनी खुफिया एजेंसियों के किसी ऑपरेशन का हिस्सा तो नहीं था, जिसकी जानकारी जम्मू-कश्मीर पुलिस को नहीं थी?

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