
हैदराबाद यूनिवर्सिटी कैम्पस में स्थित हॉस्टल के कमरे में पीएचडी के एक दलित छात्र ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. इस मामले में केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय, यूनिवर्सिटी के वीसी पी. अप्पा राव, ABVP कार्यकर्ता सुशील कुमार और उसके भाई विष्णु के खिलाफ IPC की धारा 306 के तहत केस दर्ज किया गया है. कैम्पस में छात्रों का प्रदर्शन देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस तैनात है.
जानकारी के मुताबिक, दत्तात्रेय पर दलित छात्र को उकसाने का आरोप लगा है. कहा जा रहा है कि उन्होंने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखकर छात्र के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी. इस पर ईरानी ने कहा कि सरकार यूनिवर्सिटी प्रशासन के मामलों में दखल नहीं देती है. दो सदस्यीय टीम इस मामले की जांच के लिए हैदराबाद जा रही है. टीम अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपेगी.
यूनिवर्सिटी के छात्र इस जानलेवा कदम के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन और बंडारू दत्तात्रेय को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. जेएनयू में भी छात्र संगठनों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया है. छात्रों का आरोप है कि पिछले साल अगस्त में ABVP के कार्यकर्ताओं से झड़प के कारण रोहित को निकाला गया था. मृतक का शव लेने पहुंची पुलिस का भी छात्रों ने विरोध किया. शव को कमरे में बंद कर दिया.
प्रदर्शन के बीच कैम्पस में पुलिस तैनात
साइबराबाद पुलिस आयुक्त सीवी आनंद ने बताया कि वेरमूला रोहित नामक पीएचडी का छात्र हॉस्टल के कमरे में फांसी से लटका हुआ मिला. ABVP नेता पर हमला करने के आरोप में यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उसे निलंबित कर दिया था. हालांकि, बाद में उसका निलंबन वापस ले लिया गया था. मृतक छात्र के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. कैम्पस में पुलिस बल तैनात है.
पांच पन्नों के सुसाइड नोट में बयां किया दर्द
बताते चलें कि वेरमूला रोहित पिछले दो साल से हैदराबाद यूनिवर्सिटी से विज्ञान प्रौद्योगिकी और समाज विषय पर रिसर्च कर रहा था. वह न्यू रिसर्च स्कॉलर्स हॉस्टल के एक कमरे में फांसी के फंदे से लटकता मिला. उसके कमरे से पांच पन्नों का एक सुसाइड नोट भी मिला है. उसमें लिखा है कि कैसे वह हमेशा सितारों को देखता था. एक दिन लेखक और प्रतिष्ठित शिक्षक बनने का सपना देखता था.
छह महीने से नहीं मिल रहा था जेआरएफ फंड
आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले से संबंध रखने वाले रोहित को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से जूनियर रिसर्च फैलोशिप (जेआरएफ) भी मिला था. लेकिन अपने सुसाइड नोट में उसने लिखा है कि पिछले छह महीने से उसे जेआरएफ फंड भी नहीं मिला. वह अपने साथ निष्कासित हुए चार अन्य छात्रों के साथ पिछले 15 दिनों से विश्वविद्यालय परिसर में विरोध प्रदर्शन कर रहा था. निष्कासन के विरोध में वे खुले में सो रहे थे.
झड़प के बाद यूनिवर्सिटी ने किया निलंबित
पिछले साल अगस्त में इन पांचों छात्रों को ABVP के कार्यकर्ताओं से झड़प के बाद निलंबित कर दिया गया था. यह सब दिल्ली विश्वविद्यालय में 'मुजफ्फरनगर बाकी है' वृत्तचित्र की स्क्रीनिंग पर ABVP के हमले के बाद शुरू हुआ. ASA ने ABVP के इस कदम की निंदा करते हुए इसके विरोध में कैम्पस में प्रदर्शन किया था. इसके बाद इन छात्रों को हॉस्टल से दिसंबर में निकाल दिया गया था.