
उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में पुलिस ने दो हजार रुपये के नकली नोट छापने की फैक्ट्री का पदार्फाश करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. ये लोग नोट छापने के साथ ही उसे मार्केट में चलाते भी थे. आरोपियों के पास से पुलिस को 7 लाख 64 हजार रुपये के नकली नोट बरामद हुए हैं. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.
जानकारी के मुताबिक, लखनऊ से मुखबिर से मिली गुप्त सूचना के आधार पर मंगलवार की देर रात पुखरायां के मेन रोड पर रहने वाले समरेंद्र सचान के मकान पर मंगलवार की देर रात एसओजी ने छापा मारा. वहां बड़े पैमाने पर छपे अधछपे नोट और नोट छापने की सामग्री बरामद की गई. प्रिंटर और दूसरी मशीनें भी यहां मिली हैं.
ऑन लाइन ट्रेडिंग का काम करने वाले समरेंद्र से पुलिस ने पूछताछ की, तो उसने अपने साथियों विवेकानंदनगर, पुखरायां निवासी प्रसून सचान और मीरपुर पुखरायां निवासी आशीष गुप्ता के नाम बताए है. पुलिस ने बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया. प्रसून जनसेवा केंद्र का संचालन करता है. आशीष भोगनीपुर तहसील में प्रिंटिंग का काम करता है.
पुलिस ने बताया कि पूछताछ में आरोपियों ने कानपुर में नकली नोटों का रैकेट चलाने की बात स्वीकार करते हुए बताया कि वीपी सिंह और वीपी पाल नाम के युवकों के जरिए नकली नोटों का कारोबार किया जा रहा था. आरोपी कानपुर में करीब 70 लाख रुपये के नकली दो हजार के नोट खपा चुके हैं. 7 लाख 64 हजार रुपये के नकली नोट बरामद हुए हैं.