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एमजे अकबर के मानहानि केस में प्रिया रमानी को समन करने पर 29 को फैसला

MJ Akbar defamation case मीटू कैंपेन के तहत पत्रकार प्रिया रमानी ने पूर्व केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. इस पर एमजे अकबर ने प्रिया रमानी के खिलाफ दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया था. अब कोर्ट ने इस मामले में प्रिया रमानी को बतौर आरोपी समन भेजने को लेकर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है.

Former Union Minister MJ Akbar (Courtecy- PIB) Former Union Minister MJ Akbar (Courtecy- PIB)
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 22 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 3:00 PM IST

पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर द्वारा पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर किए गए आपराधिक मानहानि मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब पटियाला हाउस कोर्ट के स्पेशल जज समर विशाल 29 जनवरी को इस बात का फैसला लेंगे कि मामले में प्रिया रमानी को बतौर आरोपी समन भेजा जाए या नहीं? आपको बता दें कि मीटू कैंपेन के तहत पत्रकार प्रिया रमानी ने एमजे अकबर पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे, जिसके बाद पूर्व संपादक अकबर विवादों में घिर गए थे और उनको केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था.

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इसके बाद एमजे अकबर ने पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया था. प्रिया रमानी पर आरोप लगाते हुए एमजे अकबर ने कहा कि समाज में उनकी छवि को खराब करने की नीयत से ऐसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं. उन्होंने कोर्ट में दायर अपने मुकदमे में कहा कि प्रिया रमानी द्वारा लगाए गए यौन शोषण के आरोप बेबुनियाद हैं.

मानहानि के इस मामले में एमजे अकबर की तरफ से सभी गवाहों ने अपने बयान कोर्ट में दर्ज करा दिए हैं. लिहाजा अब प्रिया रमानी के खिलाफ मानहानि के केस में पर्याप्त सबूत हैं या नहीं.....यह कोर्ट को तय करना है. अगर कोर्ट को लगता है कि प्रिया रमानी के खिलाफ इस मामले में पर्याप्त सबूत हैं, तो फिर कोर्ट प्रिया रमानी को समन भेजेगा.

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इसके बाद रमानी पर इस केस में ट्रायल चलेगा और अगर सबूत नहीं मिले, तो कोर्ट अपना फैसला सुनाते हुए केस को यहीं खत्म कर देगा. केंद्र की मोदी सरकार में राज्य मंत्री रहे एमजे अकबर ऐसे पहले शख्स हैं, जिनको यौन शोषण के आरोपों का सामना करते हुए अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी है. लिहाजा मानहानि का यह केस एमजे अकबर के लिए बेहद महत्वपूर्ण है.

इस मामले में अब तक एमजे अकबर के पक्ष में कोर्ट में 6 लोगों ने गवाही दी है. दर्जनभर से ऊपर महिला पत्रकारों के यौन उत्पीड़न से जुड़े आरोपों के बाद एमजे अकबर को अपनी कुर्सी तक गंवानी पड़ी थी. पटियाला हाउस कोर्ट में उनकी सहकर्मी रही महिला पत्रकार जोइता बासु समेत सुनील गुजराल और वीनू संदल कोर्ट में एमजे अकबर के साथ उनके व्यक्तिगत अनुभव को गवाही के तौर पर कोर्ट को बता चुके है. इन अभी गवाहों ने कोर्ट के सामने एमजे अकबर का बचाव किया है.

इतना ही नहीं, एमजे अकबर खुद कोर्ट में पेश होकर इस मामले में अपने बयान कोर्ट के सामने दर्ज करा चुके हैं. आपको बता दें कि हाल ही में महिलाएं मीटू अभियान के तहत खुलकर सामने आई थीं और अपने साथ हुए यौन शोषण के खुलासे किए थे. इस अभियान की चपेट में कई दिग्गज आ चुके हैं. कई मामलों में कार्रवाई भी की जा रही है. इस अभियान के चलते कई लोगों को अपनी नौकरी तक गंवानी पड़ी है. सोशल मीडिया पर भी इस अभियान को लोगों ने जमकर सराहा और समर्थन दिया.

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