
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक नवंबर की रात कोचिंग से लौट रही एक छात्रा के साथ हुए गैंगरेप मामले में चौंका देने वाला खुलासा हुआ है. इस मामले में एक ऐसी चूक सामने आई है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान है. पीड़ित लड़की के पहली मेडिकल रिपोर्ट में यह लिखा गया था कि लड़की की मर्जी से शारीरिक संबंध बनाए गए थे.
इस वारदात के बाद रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए एक थाने से दूसरे थाने भटकर रही पीड़िता और उसके परिजनों की तमाम कोशिशों के बाद जब मेडिकल जांच हुई भी तो ऐसी जिससे रेप की पुष्टि तक नहीं हो सकती थी. इसमें साफ-साफ लिखा गया कि पीड़िता ने पहले सहमति से शारीरिक संबंध बनाया, बाद में दो लोगों ने जबरन ऐसा किया.
उस वक्त लोगों का मिजाज देखकर इस रिपोर्ट को दबा लिया गया, क्योंकि यदि सामने आती तो बवाल होने की संभावना थी. इसके बाद आनन-फानन में दूसरी मेडिकल रिपोर्ट तैयार कराई गई. इसके आधार पर बाद में पुलिस ने केस दर्ज किया. इसके बाद आरोपियों की गिरफ्तारी दिखाई गई. अभी हाल ही में चौथे आरोपी को गिरफ्तार किया गया है.
इस वारदात की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी के प्रमुख पुलिस उपमहानिरीक्षक सुधीर लाड ने बताया था कि गैंगरेप का चौथा आरोपी रमेश मेहरा उर्फ राजू को भी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उसे भोपाल शहर के कोलार रोड स्थित सलैया इलाके से गिरफ्तार किया गया. इसके साथ पुलिस ने इस मामले के चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया.
पांच पुलिस अफसर किए निलंबित
पुलिस इस मामले में तीन अन्य आरोपियों गोलू उर्फ बिहारी चढ़हार (25), अमर उर्फ घुंटू (24) और राजेश चेतराम उर्फ राजू (26) को शहर के विभिन्न इलाकों से घटना के बाद गिरफ्तार कर चुकी थई. मध्य प्रदेश सरकार ने इस छात्रा के साथ हुए गैंगरेप की प्राथमिकी दर्ज करने में लापरवाही के आरोप में तीन थाना प्रभारी सहित पांच पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया था.
आरोपियों के लिए फांसी की सजा
उधर, गैंगरेप पीड़िता ने आरोपियों को चौराहे पर फांसी की सजा देने की मांग की है. उसका कहना है कि पुलिस का रवैया ठीक नहीं है. राजधानी के हबीबगंज क्षेत्र में पीड़िता एक नवंबर की रात को कोचिंग से लौट रही थी, तभी उसके साथ चार युवकों ने गैंगरेप किया. पीड़िता थाने गई, तो उसे दूसरे थाने भगाया गया.
सबसे बुरा रहा पुलिस का रवैया
हादसे के बाद पहली बार सामने आई पीड़िता ने रविवार को कहा कि कोई भी अपराधी दोबारा ऐसा करने का साहस न करे, इसलिए कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए, उन्हें मार देना चाहिए, चौराहे पर फांसी की सजा दी जानी चाहिए, ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों. उससे भी बुरा रवैया तो पुलिस का रहा जोकि उन्हें एक थाने से दूसरे थाने भटकाती रही.