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बसपा MLA ने किया था गैंगरेप, 8 साल बाद पीड़िता ने की खुदकुशी की कोशिश

वहां से रेफर होने के बाद देर रात उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत स्थिर बनी हुई है. वह बात भी कर रही है. पुलिस ने कहा कि तहरीर मिलने पर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वाले उसके पति के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जाएगी.

साल 2010 को गैंगरेप की शिकार हुई थी पीड़िता साल 2010 को गैंगरेप की शिकार हुई थी पीड़िता
मुकेश कुमार
  • लखनऊ,
  • 10 मई 2018,
  • अपडेटेड 10:45 AM IST

उत्तर प्रदेश में बांदा जिले की नरैनी सीट से बसपा के विधायक रहे पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी के घर दिसंबर 2010 को गैंगरेप की शिकार हुई पीड़िता ने खुदकुशी की कोशिश की है. मंगलवार की देर शाम फोन पर पति से हुए विवाद के बाद उसने हेयरडाई पीकर जान देने की कोशिश की है. उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

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अपर पुलिस अधीक्षक लाल भरत कुमार पाल ने अस्पताल में पीड़िता के दर्ज किए बयान के हवाले से बुधवार को बताया कि सामूहिक दुष्कर्म की शिकार युवती (23) ने इसी साल 26 जनवरी को झांसी में ठेकेदारी कर रहे दतिया के राहुल निषाद से शादी की थी. वह महज दो बार अपनी ससुराल गई है. इसके बाद पति से उसकी अनबन हो गई.

उन्होंने बताया कि अपने बयान में पीड़िता ने कहा कि उसका पति मानसिक रूप से उसे प्रताड़ित कर रहा है और जान से मारने की धमकी देता है. मंगलवार की शाम भी पति ने फोन से धमकी दी, जिसके बाद उसने हेयरडाई पीकर जान देने की कोशिश की है. पीड़िता के परिजन उसे पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नरैनी ले गए.

वहां से रेफर होने के बाद देर रात उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत स्थिर बनी हुई है. वह बात भी कर रही है. पुलिस ने कहा कि तहरीर मिलने पर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वाले उसके पति के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जाएगी. डॉक्टर ने बताया कि पीड़िता की हालत में सुधार है. वह खतरे से बाहर है.

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बताते चलें कि नरैनी सीट से बसपा के विधायक रहे पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी के घर में 10 दिसंबर 2010 को पीड़िता के साथ विधायक और उसके चार गुर्गों ने गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया था. पीड़िता जब दूसरे दिन उनके चंगुल से छूट कर भागी तो पुलिस ने 13 दिसंबर को फर्जी चोरी के इल्जाम में पीड़िता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

इस मामले के सुर्खियों में आने के बाद उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने खुद संज्ञान लेकर रिहाई के आदेश दिए और उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने मामला सीबीआई को सौंप दिया था. बाद में वरिष्ठ अधिवक्ता डी. नाथन ने सर्वोच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की, जिस पर उसे अब भी पुलिस सुरक्षा मिली हुई है.

इस मामले में सीबीआई अदालत ने विधायक को दोषी करार देते हुए दस साल की सजा सुनाई है और अब वह उच्च न्यायालय से जमानत पर रिहा है. गैंगरेप की इस घटना से प्रदेश ही नहीं देश की राजनीति में भी भूचाल आ गया था. कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी खुद पीड़िता से मिलने उसके घर गए थे. उसे अपनी पार्टी से चुनाव लड़ने का ऑफर भी दिया था.

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