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मध्य प्रदेश: शौच के लिए गई युवती से गैंगरेप, पीड़िता ने की खुदकुशी

बैतूल जिले में एक युवती को खुले में शौच जाना महंगा पड़ गया. दो युवकों ने उसे अकेला पाकर उसके साथ गैंगरेप किया, जिससे युवती इतनी आहत हुई कि उसने घर पहुंचने के तुरंत बाद फांसी लगाकर जान दे दी.

गैंगरेप का सनसनीखेज मामला गैंगरेप का सनसनीखेज मामला
मुकेश कुमार
  • भोपाल,
  • 02 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 1:27 PM IST

मध्य प्रदेश में महिलाओं की आबरू लुटने का दौर थम नहीं रहा है. रविवार की देर रात को बैतूल जिले में एक युवती को खुले में शौच जाना महंगा पड़ गया. दो युवकों ने उसे अकेला पाकर उसके साथ गैंगरेप किया, जिससे युवती इतनी आहत हुई कि उसने घर पहुंचने के तुरंत बाद फांसी लगाकर जान दे दी.

युवती सुसाइड नोट छोड़ गई है, जिस आधार पर पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. जानकारी के अनुसार, जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर दूर साईंखेड़ा थाना क्षेत्र के एक गांव की युवती (18) रविवार की रात खुले में शौच के लिए गई, क्योंकि उसके घर में शौचालय अधूरा बना पड़ा है.

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घर से बाहर उसे अकेला पाकर दो युवकों ने उसके साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दे दिया. युवती ने घर आने के बाद देर रात को फांसी के फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली. परिजनों को सोमवार सुबह इस घटना का पता चला. इसके बाद परिजनों ने पुलिस को सूचित किया. पुलिस की टीम मौके पर पहुंची.

थाना प्रभारी केआर सिलाले ने बताया कि पीड़ित युवती ने सुसाइड नोट में दो युवकों द्वारा गैंगरेप किए जाने का जिक्र किया है. इस आधार पर बलदेव धुर्वे और राजेश काकोड़िया को गिरफ्तार कर लिया गया. पीड़िता ने शायद बदनामी के डर से आत्महत्या जैसा कदम उठाया है. इस मामले की जांच की जा रही है.

युवती के परिजनों का कहना है कि आत्महत्या से पहले लिखे गए सुसाइड नोट से पता चला है कि उसके साथ रविवार की रात गांव के दो युवकों ने गैंगरेप किया था. इससे उसे मानसिक वेदना हुई, उसे लगा कि समाज को पता चलेगा, तो वह मुंह दिखाने लायक नहीं रहेगी. इसलिए उसने आत्महत्या जैसा कदम उठाया.

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राष्ट्रीय अपराध आंकड़ा ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि देश में महिलाओं के साथ होने वाले अपराध के मामले में मध्य प्रदेश सबसे अव्वल है. राजधानी में बीते माह कोचिंग से लौट रही एक छात्रा के साथ हुए गैंगरेप की घटना ने सरकार और पुलिस प्रशासन की नींद उड़ा दी थी.

इस वारदात के सभी आरोपी हालांकि पकड़े जा चुके हैं और न्यायालय ने उन्हें सजा भी सुना दी है. इतना ही नहीं, राज्य सरकार 12 वर्ष से कम उम्र की बालिकाओं से रेप करने वालों को फांसी की सजा देने का विधेयक पारित कर चुकी है. फिर भी ऐसी घटनाओं पर सरकार लगाम नहीं लगा पा रही है.

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