
गैंगस्टर विकास दुबे का एनकाउंटर हो या फिर राज्य में एक बाद एक होने वाली अपरहण की घटनाएं, इन सभी मामलों ने यूपी पुलिस की किरकिरी कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी. और अब इसी सिलसिले को आगे बढाने का काम किया है गाजियाबाद और बुलंदशहर पुलिस ने. कुछ दिन पहले गाजियाबाद के एक इलाके में बैग में बंद एक महिला की लाश मिली थी. लाश की शिनाख्त का दावा करते हुए गाजियाबाद पुलिस ने बुलंदशहर से आरोपियों को गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया. लाश को दफना दिया गया. मामला खत्म हो गया. लेकिन अब वही महिला जिंदा हो गई. वो अलीगढ़ में अपने एक रिश्तेदार के घर पर जिंदा पाई गई है.
पुलिस की तेज कार्रवाई वाली इस कहानी का आगाज़ पिछले सोमवार की सुबह हुआ. जब थाना साहिबाबाद क्षेत्र में दशमेश कॉलोनी के पास एक सूटकेस में एक अज्ञात महिला का शव बरामद हुआ था. सूचना पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे. वहां मुआयना किया. इसके साथ ही मौके पर मौजूद पुलिस कप्तान ने जांच के लिए कई टीम भी बनाई थीं.
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एक्शन में आई पुलिस ने सोशल मीडिया पर मृतका का फोटो और एक संदेश वायरल किया. खुद एसएसपी ने आसपास के राज्यों और पड़ोसी जनपदों के करीब 15 वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से संपर्क साधा. पुलिस ने ही करीब 1500 वॉट्सएप ग्रुप, फेसबुक और ट्विटर पर भी महिला की जानकारी अपलोड की. जिसकी वजह से दिल्ली के उत्तम नगर में रहने वाले मृतका के दूर के रिश्तेदार ने वॉट्सएप मैसेज और फोटो देखकर उसकी पहचान की और मृतका के घरवालों को खबर कर दी.
मृतका के परिजनों ने महिला का फोटो और मैसेज देखकर शव की शिनाख्त वरीशा पुत्री जफर अली निवासी मोहल्ला नसीरा कस्बा जलाली, थाना हरदुआगंज, अलीगढ़ और ससुराल मोहल्ला इस्लामनगर, थाना कोतवाली नगर, बुलंदशहर के रूप में कर दी. गाजियाबाद पुलिस को अपनी छानबीन में पता चला है कि महिला के मायके वालों ने थाना कोतवाली नगर बुलंदशहर में 25 जुलाई को दहेज हत्या के संबंध में तहरीर दी थी. इस मामले में आगे की विवेचनात्मक कार्रवाई चल रही है. इस तरह से यह पूरा मामला जनपद बुलंदशहर और अलीगढ़ से संबंधित निकला था.
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दरअसल, अब जाकर जो कहानी सामने आई, उसमें गाज़ियाबाद और बुलंदशहर पुलिस की बड़ी लापरवाही उजागर हो गई. पता चला है कि पुलिस ने परिजनों से शव की शिनाख्त कराई ही नहीं. सूटकेस में मिले शव को सीओ स्तर के एक अधिकारी ने खुद बुलंदशहर से लापता महिला का शव बताया था. पुलिस ने मामले को दहेज हत्या का केस बताते हुए उस महिला के पति और ससुराल के लोगों को जेल भेज दिया था. अब जाकर पता चला कि जिस महिला की लाश को दफना दिया गया था. वो महिला अलीगढ़ में अपने एक रिश्तेदार के घर छुपकर रह रही थी.
पुलिस कह रही है कि सूटकेस में मिले महिला के शव का डीएनए प्रिजर्व किया गया है. हकीकत ये है कि महिला के शव की शिनाख्त नहीं हुई थी. लेकिन उसके शव को सुपुर्द-ए-खाक किया जा चुका है. एसएसपी कलानिधि नैथानी के मुताबिक गाजियाबाद पुलिस को बुलंदशहर पुलिस ने अभी तक कोई रिपोर्ट नहीं भेजी है. गाज़ियाबाद पुलिस सूटकेस में मिली लाश के मामले में एफआईआर दर्ज करेगी. पुलिस कप्तान नैथानी मामले को लेकर संजीदा नजर आ रहे हैं, लेकिन पुलिस की इस लापरवाही ने एक बार फिर खाकी को शर्मसार कर दिया है.