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भोपाल: FB पर प्रोफेसर को बताया 'देशद्रोही', कॉलेज से निकाली गई छात्रा

जानकारी के मुताबिक, असमा खान छात्र संगठन भगत क्रांति दल (BKD) की भी सदस्य हैं. बीकेडी भगत सिंह की पुण्यतिथि पर कॉलेज ऑडिटोरियम में एक कार्यक्रम आयोजित करना चाहता था, लेकिन कॉलेज प्रशासन ने इसकी इजाजत नहीं दी.

फेसबुक पोस्ट पर छात्रा को कॉलेज से निकाला फेसबुक पोस्ट पर छात्रा को कॉलेज से निकाला
आशुतोष कुमार मौर्य
  • भोपाल,
  • 24 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 1:57 PM IST

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक छात्रा को फेसबुक पर अपने प्रोफेसर के खिलाफ लिखना महंगा पड़ गया. छात्रा ने फेसबुक पर अपने प्रोफेसर को 'देशद्रोही' बताया तो कॉलेज ने छात्रा को एक साल के लिए निकाल दिया. हालांकि छात्रा का कहना है कि उसने अपने फेसबुक पोस्ट में किसी व्यक्ति का जिक्र नहीं किया था.

मामला भोपाल के मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय (MVM) का है. बीएससी सेकेंड ईयर की छात्रा असमा खान विद्यालय द्वारा भगत सिंह की पुण्यतिथि पर शहीदी दिवस मनाने की अनुमति नहीं मिलने से नाराज थी, लेकिन फेसबुक पर अपनी नाराजगी प्रकट करना उसके लिए महंगा साबित हुआ.

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जानकारी के मुताबिक, असमा खान छात्र संगठन भगत क्रांति दल (BKD) की भी सदस्य हैं. बीकेडी भगत सिंह की पुण्यतिथि पर कॉलेज ऑडिटोरियम में एक कार्यक्रम आयोजित करना चाहता था, लेकिन कॉलेज प्रशासन ने इसकी इजाजत नहीं दी.

कॉलेज के प्रिंसिपल नीरज अग्निहोत्री ने बताया, 'भगत सिंह की पुण्यतिथि पर 23 मार्च को दो छात्र संगठन- बीकेडी और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) कॉलेज ऑडिटोरियम में कार्यक्रम आयोजित करना चाहते थे. लेकिन दोनों ही छात्र संगठनों को इसकी इजाजत नहीं दी गई. इजाजत नहीं दिए जाने को लेकर असमा खान ने फेसबुक पर कॉलेज के टीचर्स को 'देशद्रोही' की संज्ञा दे डाली.'

उन्होंने बताया कि असमा खान को एक्सपेल करना का फैसला कॉलेज की स्टाफ काउंसिल ने लिया है. उन्होंने यह भी कहा कि असमा खान को या तो अपना फेसबुक पोस्ट डिलीट कर देना चाहिए था या माफीनामा सबमिट करना चाहिए था. यह स्वीकार्य नहीं है. लेकिन उसने तो उलटे कॉलेज पर देश विरोधी गतिविधियों को संरक्षण देने का आरोप लगा डाला.

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कॉलेज प्रिंसिपल अग्निहोत्री ने बताया कि माफी मांगने की बजाय असमा खान कॉलेज प्रबंधन पर दबाव बनाने के लिए अपना वकील और कुछ समर्थकों को साथ लेकर चली आई. कार्यक्रम के लिए इजाजत न देने पर प्रिंसिपल ने कहा कि कॉलेज इस तरह के कार्यक्रमों के खिलाफ नहीं है, लेकिन सरकार द्वारा चल रहे एक ट्रेनिंग प्रोग्राम के चलते ऑडिटोरियम 20 मार्च तक बुक था. और पूरी संभावना थी कि यह ट्रेनिंग प्रोग्राम कुछ और दिन चलता.

उन्होंने कहा कि अगर बीकेडी को शहीद दिवस पर कार्यक्रम करना ही था, तो वे कॉलेज कैंपस में किसी दूसरे स्थान पर भी इसे आयोजित कर सकते थे. वहीं एक्सपेल हो चुकीं असमा खान ने कॉलेज के फैसले पर असंतोष जाहिर किया और इसे जल्दबाजी में लिया गया फैसला बताया.

असमा का कहना है कि यह हैरान करने वाली बात है कि महज एक फेसबुक पोस्ट के आधार पर कॉलेज अथॉरिटीज ने मुझे पूरे एक साल के लिए रस्टिकेट करने का फैसला किया. इतना ही नहीं, मुझे इस संबंध में कारण बताओ नोटिस तक जारी नहीं किया गया.

साथ ही असमा ने आरोप लगाया कि कॉलेज प्रबंधन का फैसला एबीवीपी के दबाव में लिया गया. असमा का कहना है कि एबीवीपी उनके छात्र संगठन बीकेडी को पूरी तरह कुचलने में लगा हुआ है. असमा ने बताया कि उन्होंने वह फेसबुक पोस्ट 19 मार्च को डाली थी, लेकिन थोड़ी ही देर बाद उन्होंने उस पोस्ट को डिलीट भी कर दी थी.

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