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सफदरजंग अस्पताल में डॉक्टर से बोली नाबालिग- 'पापा करते हैं रेप'

पीड़िता ने डॉक्टर को बताया कि पिता ने अपने मोबाइल में सोते समय की उसकी अश्लील तस्वीरें और वीडियो भी बनाए हैं. सफदरजंग अस्पताल (safdarjung hospital) के डॉक्टर ने पीड़िता की आपबीती पुलिस की बताई, जिसके बाद उसके रेपिस्ट पिता को गिरफ्तार कर लिया गया.

SAFADARJUNG HOSPITAL में माइग्रेन का इलाज कराने आई थी पीड़िता SAFADARJUNG HOSPITAL में माइग्रेन का इलाज कराने आई थी पीड़िता
आशुतोष कुमार मौर्य
  • नई दिल्ली,
  • 22 जून 2018,
  • अपडेटेड 6:02 PM IST

दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में बिहार से माइग्रेन का इलाज कराने आई 17 साल की एक लड़की ने जब डॉक्टर से अपनी आपबीती बताई तो डॉक्टर के होश उड़ गए. पीड़िता ने डॉक्टर को बताया कि उसके पिता पिछले कई वर्षों से सोते समय उसके साथ रेप करते हैं. पीड़िता ने डॉक्टर को बताया कि पिता ने अपने मोबाइल में सोते समय की उसकी अश्लील तस्वीरें और वीडियो भी बनाए हैं. सफदरजंग अस्पताल (safdarjung hospital) के डॉक्टर ने पीड़िता की आपबीती पुलिस की बताई, जिसके बाद उसके रेपिस्ट पिता को गिरफ्तार कर लिया गया.

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पीड़िता बिहार के शेखपुरा जिले की रहने वाली है और काफी समय से माइग्रेन का इलाज कराने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल आ रही थी. पीड़िता ने यह भी बताया कि जब भी वह पिता की गलत हरकत का विरोध करती, उसके साथ मारपीट की जाती. उसने बताया कि जब से पिता ने उसके साथ गलत हरकत करनी शुरू की, तभी से उसे माइग्रेन की परेशानी भी शुरू हुई.

सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता का इलाज कर रहे डॉक्टर ने उसकी आपबीती सुनने के बाद पीड़िता को अपने सीनियर डॉक्टर के पास भेज दिया. सीनियर डॉक्टर्स ने पुलिस को इसकी सूचना दी, जिसके बाद पीड़िता के पिता के खिलाफ POCSO ऐक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया है.

पुलिस ने तत्काल पीड़िता के पिता को गिरफ्तार कर लिया और पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. मनोविज्ञानियों का कहना है कि लगातार यौन शोषण होने से पीड़ित मानसिक तौर पर कमजोर हो जाता है और इसका उसकी बौद्धिक क्षमता पर भी असर पड़ता है.

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दिल्ली पुलिस ने 2016 में एक अध्ययन किया था, जिसमें कहा गया है कि 84 फीसदी नाबालिगों के साथ घर के अंदर या मलिन बस्तियों में रेप की घटनाएं घटती हैं, जहां आरोपी और पीड़ित एकदूसरे से परिचित होते हैं. इतना ही नहीं अध्ययन में कहा गया है कि नाबालिगों के साथ रेप के 39 फीसदी मामलों में आरोपी परिवार का ही कोई वरिष्ठ सदस्य होता है या परिवार का वरिष्ठ मित्र.

एक अध्ययन के मुताबिक, बचपन में यौन शोषण की घटना व्यक्ति को गहरे तनाव से ग्रस्त कर सकती है. वहीं राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के 2016 के आंकड़े बताते हैं कि आर्थिक रूप से कमजोर तबके में रेप के सिर्फ 61 फीसदी मामलों की शिकायत होती है.

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