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यूपी: छात्राओं ने हॉस्टल के वार्डन पर लगाया अश्लीलता का आरोप

यूपी के शाहजहांपुर जिले में एक महिला छात्रावास के वार्डन द्वारा छात्राओं से कथित रूप से अश्लीलता करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. जिलाधिकारी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. इस संबंध में राजकीय अनुसूचित जाति महिला छात्रावास की कई छात्राओं ने उनसे मुलाकात करके प्रार्थना पत्र दिया.

यूपी के शाहजहांपुर की घटना यूपी के शाहजहांपुर की घटना
मुकेश कुमार
  • लखनऊ,
  • 09 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 1:32 PM IST

यूपी के शाहजहांपुर जिले में एक महिला छात्रावास के वार्डन द्वारा छात्राओं से कथित रूप से अश्लीलता करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. जिलाधिकारी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. इस संबंध में राजकीय अनुसूचित जाति महिला छात्रावास की कई छात्राओं ने उनसे मुलाकात करके प्रार्थना पत्र दिया.

जिलाधिकारी नरेन्द्र सिंह ने बताया कि छात्राओं ने आरोप लगाया गया है कि हॉस्टल का वार्डन शालिगराम छात्राओं से एक हजार रुपये मांग रहा है. मना करने पर उनके साथ अश्लील बातें करता है. रात में किसी भी कमरे में घुस जाता है. आरोपी वार्डन के छात्रावास में रहने वाली एक लड़की के साथ अवैध संबंध हैं.

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इसकी आड़ में वह अन्य छात्राओं से बदतमीजी करता है. छात्रावास में अक्सर पार्टी आयोजित करता है, जिससे उनकी पढ़ाई पर बुरा असर पड़ता है. लड़कियों का आरोप है कि शालिगराम अक्सर शराब के नशे में रहता है. वह कमरे का पंखा या दूसीर चीजें खराब होने पर उसे ठीक कराने के लिये पैसे मांगता है.

हैदराबाद: बदसलूकी के आरोप में 10 छात्र निलंबित

वहीं, हैदराबाद यूनिवर्सिटी के 10 छात्रों को शैक्षणिक कार्यक्रम से अलग-अलग अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया. उन्हें पिछले हफ्ते की एक घटना के सिलसिले में निलंबित किया गया, जिसमें छात्रावास के कुछ छात्रों ने वॉर्डनों को उनके कर्तव्य पालन से रोका था. यूनिवर्सिटी के छात्रावास से भी इन छात्रों को निलंबित किया गया.

आरोपी छात्रों को उस समिति के समक्ष बयान देने के लिए कहा गया था जिसका गठन तीन नवंबर की रात को परिसर के पुरूष छात्रावास में हुई घटना की जांच के लिए किया गया था. यूनिवर्सिटी के मुताबिक, वॉर्डनों ने जब अनधिकृत लोगों को छात्रावास से निकालने के लिए औचक निरीक्षण शुरू किया तो अधिकारियों के साथ बदसलूकी की गई.

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उन्हें शारीरिक नुकसान पहुंचाने की धमकी दी गई. यह भी कहा गया कि वॉर्डनों को पुलिस की मदद से छात्रावास से बाहर किया जा सकता है. जांच समिति ने छात्रों को बाहरी लोगों को छात्रावास में दाखिल कराने, आईडी दिखाने से इंकार करने, रोशनी बंद करने, नारेबाजी करने, धमकाने-गाली देने, अधिकारियों को कर्तव्य पालन से रोकने आदि का दोषी करार दिया.

यूनिवर्सिटी के मुताबिक, गंभीर अपराधों के दोषी पाए गए 10 छात्रों में से तीन को दो साल के लिए शैक्षणिक कार्यक्रम और छात्रावास से निलंबित कर दिया गया, जबकि वॉर्डनों और सुरक्षाकर्मियों को कर्तव्य पालन से रोकने के दोषी सात छात्रों को शैक्षणिक कार्यक्रम एवं छात्रावास से छह महीने के लिए निलंबित किया गया है.

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